Russia Ukraine War: रूसी एयरस्ट्राइक का मुकाबला करते वक्त यूक्रेन का F-16 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया. इसमें एक टॉप यूक्र …अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग के बीच कीव और अमेरिका दोनों को एक ही साथ बड़ा झटका लगा है. रूसी मिसाइल हमले के दौरान जेलेंस्की और बाइडन को उस वक्त झटका लगा, जब अमेरिका का F-16 फाइटर जेट क्रैश हो गया और यूक्रेन का टॉप पायलट भी मारा गया. दरअसल, यूक्रेन को पिछले महीने ही पहली बार अमेरिका ने अपना सबसे खास हथियार एफ-16 लड़ाकू विमान दिया था. यूक्रेन ने रूसी मिसाइल हमले के जवाब में एफ-16 को दौड़ाया था, मगर रूसी अटैक का मुकाबला करने के दौरान एक एफ-16 क्रैश हो गया. इस क्रैश में यूक्रेन का टॉप पायलट मारा गया. इस तरह यूक्रेन जंग में अमेरिका का सबसे विध्वंसक हथियार एफ-16 चकनाचूर हो गया.
दरअसल, खुद कीव ने कबूल किया है कि F-16 लड़ाकू विमान सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने फेसबुक पर कहा कि एफ-16 विमान उस वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जब वह रूसी हवाई हमले के दौरान एक टारगेट के करीब पहुंच रहा था. टारगेट के करीब पहुंचने के दौरान उससे संपर्क टूट गया. बाद में पता चला कि लड़ाकू विमान क्रैश हो गया. हादसे में पायलट की मौत हो गई. इस खबर के बाद से जेलेंस्की टेंशन में आ गए होंगे. हालांकि, यूक्रेन ने दावा किया है कि क्रैश होने से पहले अमेरिकी एफ-16 ने रूस के चार क्रूज मिसाइलों को मार गिराया.
अमेरिका को कैसे झटका
दरअसल, लंबे इंतजार और मांग के बाद यूक्रेन को अमेरिका ने अपना सबसे घातक हथियार दिया था. अमेरिका को एफ-16 की काबलियत पर घमंड रहता है. एफ-16 अमेरिका का मल्टी रोल वाला लड़ाकू विमान है. यह अत्यधिक युद्धाभ्यास करने योग्य है और हवा से हवा में लड़ाई और हवा से सतह पर हमले में खुद को साबित कर चुका है. यह अमेरिका का अपेक्षाकृत कम लागत वाली और अधिक ताकत वाला हथियार है.
यूक्रने को लगा बड़ा झटका
एफ-16 का क्रैश होना यूक्रेन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. इससे यूक्रेन को बड़ा नुकसान हुआ है. लड़ाकू विमान तो गया ही, टॉप पायलट भी चला गया. सूत्रों की मानें तो अमेरिका ने यूक्रेन को कुल 6 एफ-16 जेट दिए थे. राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने 4 अगस्त को कन्फर्म किया कि यूक्रेनी पायलटों ने F-16 उड़ाना शुरू कर दिया है. उन्होंने इसे रूस के खिलाफ जंग में इसे मील का पत्थर बताया था. वहीं, अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह विमान क्रैश रूसी गोलाबारी का नतीजा नहीं है. ऐसा लगता है कि यह पायलट की गलती और यांत्रिक खराबी की वजह से हुआ.
यूक्रेन को चाहिए अभी और एफ-16
एफ-16 विमान क्रैश में मारे गए पायलट की पहचान कर्नल एलेक्सी मूनफिश के रूप में हुई है. फिलहाल, यूक्रेन को रूस से युद्ध लड़ने के लिए अभी और एफ-16 की जरूरत है. खुद जेलेंस्की का कहना है कि रूस का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए उसे 100 से अधिक अमेरिकी एफ-16 विमानों की आवश्यकता है. जबकि रूस के पास 1,000 से अधिक लड़ाकू विमान हैं. बता दें कि करीब ढाई साल से अधिक समय से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है.
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