IC 814 कंधार कांड से पहले की एक और कहानी… जब दिल्ली-मुंबई प्लेन हुआ हाईजैक, फिर पाक ने किसे खिलाई बिरयानी?

Uncategorized

IC 814 Kandahar Hijack: आज ही के दिन भारत के एक प्लेन को हाईजैक किया गया था. दिल्ली से उड़ान भरने वाली फ्लाइट को हाईजैक …अधिक पढ़ें

संबंधित खबरें

नई दिल्ली: आईसी 814 कंधार हाईजैक को लेकर खूब चर्चा हो रही है. 1999 में आईसी 814 फ्लाइट में कैसे 8 दिनों तक हाईजैकर्स ने 176 यात्रियों को जिंदगी भर न भूलने वाला सदमा दिया था. उस कंधार कांड को अनुभव सिन्हा ने फिल्माया है. आईसी 814 वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दी गई है. इसके कंटेंट को लेकर बवाल जारी है. इस बीच आज एक और फ्लाइट के हाईजैक की कहानी को जानते हैं, जब उसे भारत में हाईजैक किया गया था और पाकिस्तान में सुरक्षित छोड़ा गया था. हवा में 30,000 फीट की ऊंचाई और प्लेन हाईजैक होने की जानकारी मिलना. किसी प्लेन से यात्रा करने वालों के लिए यह एक डरावने सपने के सच होने जैसा होता है. लेकिन, एक प्लेन दिल्ली से उड़ान भरता है और उसके हाईजैक होने की खबर मिलती है.

इसके बाद भारतीय एजेंसियों के हाथ-पांव फूल जाते हैं. जानकारी मिलती है कि दो आतंकी पिस्तौल लेकर कॉकपिट में घुसे और प्लेन को अपने कब्जे में ले लिया. इस प्लेन को दिल्ली से बंबई (अब मुंबई) का सफर तय करना था. सभी के मन में किसी अनहोनी की आशंका थी. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ.

प्लेन को हाईजैक करने की घटना जितनी नाटकीय थी, उतनी ही यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित रिहाई भी. बड़ा सवाल यह था कि प्लेन को हाईजैक क्यों किया गया? इसका जवाब आज तक नहीं मिल सका है. यह कोई फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है. ऐसा सच में 10 सितंबर 1976 को हुआ था. इस घटना को आज 48 साल हो गए. आज भी इस घटना से जुड़े सवाल अनसुलझे हैं.

दरअसल, 10 सितंबर 1976 की सुबह करीब 7.35 बजे इंडियन एयरलाइंस का बोइंग-737 दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से उड़ान भरता है. प्लेन को बंबई (अब मुंबई) में लैंड करना था. प्लेन में सबकुछ सामान्य था. यात्रियों के चेहरे पर खुशी थी. विंडो सीट वाले यात्री बादलों को देखने में मशगूल थे. पायलट ने प्लेन के टेकऑफ होने से पहले और बाद में तमाम अनाउंसमेंट की. क्रू मेंबर्स भी अपने काम में जुटे थे. प्लेन में सबकुछ सामान्य था. अचानक दो आतंकी कॉकपिट में दाखिल हो गए. उनके हाथ में पिस्तौल थी. प्लेन में मौजूद यात्री सहम गए. क्रू मेंबर्स भी नहीं समझ पा रहे थे कि उन्हें करना क्या है.

इसी बीच एटीसी को प्लेन के हाईजैक होने की खबर मिली. भारतीय एजेंसियां भी एक्टिव हो चुकी थीं. प्लेन के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर सभी चिंतित थे. हर ऑप्शन पर विचार भी होने लगा। इसी बीच खबर मिलती है कि अपहरणकर्ता प्लेन को लीबिया ले जाना चाहते हैं. उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू होता है. पायलट विमान में ईंधन कम होने की बात कहते हैं. अपहरणकर्ता प्लेन को कराची ले जाने का दबाव देते हैं. आखिरकार प्लेन को पाकिस्तान के लाहौर में लैंड करा दिया जाता है. इसी बीच भारत ने पाकिस्तान सरकार से मदद मांगी. पड़ोसी मुल्क भी भारत की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है.

कहा जाता है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने रात होने की बात कहकर प्लेन को रोके रखा. इस दौरान आतंकियों यानी हाईजैकर्स के लिए बढ़िया खाने-पीने का इंतजाम किया गया. पाकिस्तान ने खाने में बिरयानी से लेकर तमाम तरह की चीजें मुहैया कराईं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस ‘नाटकीय हाईजैकिंग’ से जुड़ी जानकारियां आईं. बताया गया कि खाने में नशीली दवाई मिला दी गई थी, जिसके कारण हाईजैकर्स बेहोश हो गए. इसके बाद प्लेन में मौजूद यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित बचाने में सफलता मिल गई.

प्लेन में मौजूद हाईजैकर्स को गिरफ्तार कर लिया गया और यात्रियों के साथ ही चालक दल को सुरक्षित भारत के लिए रवाना कर दिया गया. इस घटना में शामिल हाईजैकर्स यानी अपहरणकर्ताओं को अगले साल जनवरी 1977 में पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था. भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था. लेकिन, उसके विरोध को अनसुना कर दिया गया. यह सवाल आज तक रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस प्लेन को हाईजैक क्यों किया गया? सवाल यह भी बिना सही जवाब के रह गया कि इस प्लेन को किसने हाईजैक किया था?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *