राजस्थान में अब फर्जीवाड़े से नहीं हथियाई जा सकेगी सरकारी नौकरी, कर्मचारी चयन बोर्ड ने बनाए 8 नए नियम

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Jaipur News: राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में सामने आए फर्जीवाड़े के बाद अब राजस्थान कर्मचारी चयन बो …अधिक पढ़ें

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जयपुर. राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्तियों में अब फर्जीवाड़ा बिल्कुल भी नहीं चलेगा. इसके लिए सूबे में सरकार बदलने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने नवाचार करते हुए नए नियम लागू कर दिए हैं. राजस्थान कर्मचारी बोर्ड ने पूर्व की और हाल की भर्तियों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं. बदलाव के तहत अब केवल लिखित परीक्षा और दस्तावेज सत्यापन ही नहीं बल्कि हैंडराइटिंग टेस्ट और फिंगर प्रिंट जैसी प्रक्रिया से भी अभ्यर्थी को गुजरना होगा.

राजस्थान में युवा बेरोजगारों के हितों की रक्षा के नाम पर सत्ता में आई भजनलाल सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों की भर्तियों को पारदर्शी बनाने की दिशा में नवाचार करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद चयन बोर्ड का दावा है कि भर्ती प्रक्रिया अभ्यर्थी के लिए थोड़ी जटिल जरुर होगी लेकिन पारदर्शी होगी.

दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव
दरअसल आरपीएससी की चर्चित सब इंस्पेक्टर भर्ती और चयन बोर्ड की पीटीआई, अध्यापक तथा पटवारी सहित कई बड़ी भर्ती परीक्षाओं में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी के मामले आने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड सबसे पहले दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. नई व्यवस्था से दस्तावेज सत्यापन में ही फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थी पकड़ में आ सकेंगे. सत्यापन में शक होने पर बोर्ड खुद जांच कराएगा.

जांच के बाद ही भर्ती की अनुशंषा होगी
जांच के लिए चयन बोर्ड अब विभागों पर निर्भर नहीं रहेगा. बल्कि जांच के बाद ही भर्ती की अनुशंषा होगी. आधार ऑथेंटिकेशन और हैड राइटिंग का नमूना लेने जैसे प्रावधान भी नई भर्तियों में लागू करने का फैसला लिया गया है ताकि डमी अभ्यर्थियों की पहचान हो सके. क्योंकि पिछली भर्तियों में डमी कैंडिडेड वाली शिकायतों की लंबी सूची है.

फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट पकड़ में आए हैं
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज के अनुसार इसे लागू करना चयन बोर्ड की मजबूरी है. क्योंकि पूर्व की पीटीआई भर्ती और शिक्षक भर्ती जैसी कई भर्तियों में डमी केंडिडेट से लेकर फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट पकड़ में आए है. .ऐसे में आगे कोई गड़बड़ ना हो इसके लिए अब नए नियम और भर्ती प्रक्रिया में जोड़ने का प्लान बनाया गया है. चयन बोर्ड की मानें तो नए भर्ती कैलेंडर के हिसाब से जून और जुलाई के महीने से शुरु हुई सभी नई भर्ती परीक्षाओं में नए नियमों को लागू किया जा सकता है. इसके लिए 8 नए नियम बनाए गए हैं.

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनाए गए हैं ये नए 8 नियम
1 – दस्तावेज सत्यापन में आधार ऑथेंटिकेशन लागू होगी. इसके साथ ही फोटो का भी मिलान किया जाएगा ताकि फर्जीवाड़ा रुके.
2 – हैंड राइटिंग का नमूना लेंगे. परीक्षा के दौरान लिए गए हैंड राइटिंग के नमूने से मिलान कराएंगे. अंतिम चयन के बाद फिर लेंगे नमूना.
3 – चयनितों के दस्तावेज, डिग्री और प्रमाण पत्रों का कलर स्कैन ही करना होगा.
4 – फॉर्म में जो भरा है वहीं जानकारी मान्य होगी. इसमें किसी भी तरह की गलती स्वीकार नहीं होगी. संशोधन के लिए केवल एक बार मौका मिलेगा.
5 – खेल प्रमाण पत्रों की जांच पहले बोर्ड की कमेटी करेगी. इसके बाद प्रक्रिया प्रारंभ होगी. फर्जी होने पर सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
6 – खेल प्रमाण पत्र के साथ दिव्यांग प्रमाण पत्र की भी मेडिकल बोर्ड से जांच बोर्ड कराएगा. अभी विभाग अपने स्तर पर कराते हैं.
7- दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में एसओजी का सहयोग लिया जाएगा.
8- फिंगर प्रिंट इंप्रेशन चेक किया जाएगा. जरुरत पड़ी तो फेस मेपिंग भी कराई जा सकती है ताकि डमी पकड़ा जाए

नए नियम मौजूदा माह से शुरु होने वाली भर्ती प्रक्रिया लागू कर दिए गए हैं
बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार भर्तियों में अब चयन बोर्ड दस्तावेज सत्यापन से लेकर प्रमाण पत्रों की जांच के लिए किसी एंजेसी पर निर्भर ना होकर खुद जांच करेगा. इस कार्य में सरकार के निर्देश पर एसओजी की मदद भी ली जाएगी. नए नियम मौजूदा माह से शुरु होने वाली भर्ती प्रक्रिया लागू कर दिए गए हैं. पूर्व में अब तक दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया में कई खामियां पाई गई थी. इससे फर्जी डिग्री और प्रमाण-पत्र पकड़ में नहीं आ पाते थे.

चयन बोर्ड को सरकार ने दिया फ्री हैंड
सत्यापन के बावजूद डमी और फर्जी नियुक्ति पाने में सफल हो जाते हैं. ऐसे में राज्य में सरकार बदलने के बाद भर्तियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो. इस पर सरकार का पहला फोकस है. इसलिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को सरकार ने फ्री हैंड देकर भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव की मंजूरी दी है ताकि भर्ती प्रक्रियाओं में बिगड़ी राज्य की छवि को सुधारा जा सके.

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