PM Modi CJI Home Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में भाग लिया. इसके ब …अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को नई दिल्ली स्थित भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए. इसके बाद इस पर सियासत शुरू हो गई. कुछ लोग इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहें हैं तो कुछ लोग जो पीएम मोदी के इस कार्य के समर्थन में हैं वह सोशल मीडिया पर विरोधियों की मौज ले रहे हैं. वहीं विपक्ष ने इसे लेकर न्यायपालिका प्रणाली और इसकी आचार संहिता में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं. हमलों का जवाब देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा कि यह यात्रा गणपति उत्सव को एक साथ मनाने तक ही सीमित थी और यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री की आदत है कि बिना बुलाए चले जाते हैं जैसे कि पाकिस्तान चले गए थे. हमें नहीं पता है कि बुलाया गया कि, वह सार्वजनिक था कि नहीं या निजी प्रोग्राम था, इसलिए हम क्या टिप्पणी करें इस पर. वहीं एक वीडियो में, भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और इंडी अलायंस के अन्य सदस्यों पर प्रधानमंत्री की CJI के घर की यात्रा का राजनीतिकरण करने के लिए आलोचना की है.
संबित पात्रा ने साधा निशाना
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी की अमेरिकी कांग्रेस सदस्य इल्हान उमर से मुलाकात को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, “अगर प्रधानमंत्री सीजेआई से मिल रहे हैं, तो आपको दिक्कत है, लेकिन अगर आप अमेरिका में राष्ट्र विरोधी लोगों से मिल रहे हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें गणपति पूजा से दिक्कत है. जब उनके कार्यकाल में मनमोहन जी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, तो क्या सीजेआई को आमंत्रित नहीं किया गया था? वह भी एक त्योहार है और यह गणपति भी एक त्योहार है, फिर यह अंतर क्यों?”
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष ने भी विपक्ष पर हमला किया और कहा कि वह प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर शोर मचा रहा है. संतोष ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, “रोना शुरू हो गया शिष्टता, सौहार्द, एकजुटता, राष्ट्र यात्रा में सहयात्री ये सब वामपंथी उदारवादियों के लिए अभिशाप हैं. साथ ही यह सामाजिक मेलजोल नहीं था, बल्कि समर्पित गणपति पूजा को पचाना बहुत मुश्किल है. SCBA कोई नैतिक दिशा-निर्देश नहीं है. एक बार गहरी सांस लें.”
उनकी यह पोस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) इंदिरा जयसिंह के जवाब में आई है, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) को पीएम मोदी के सीजेआई के आवास पर जाने की निंदा करनी चाहिए. जयसिंह की एक्स पोस्ट में लिखा था, “भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण के मामले में समझौता किया है.” उन्होंने कहा, “CJI की स्वतंत्रता में सारा विश्वास खत्म हो गया है. SCBA को CJI और कार्यपालिका कपिल सिब्बल की स्वतंत्रता के सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित समझौते की निंदा करनी चाहिए.”