Motihari News: गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात अब पूर्वी चंपारण जिले के एसपी बनाए गए हैं. वे 2017 बैच के बिहार कैडर के …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
एसपी स्वर्ण प्रभात को देख पनाह मांगते हैं अपराधी, आईपीएस अधिकारी की मोतिहारी में हुई पोस्टिंग.सख्त मिजाज आईपीएस की पोस्टिंग से खुश हुए पूर्वी चंपारण जिले के लोग, बॉर्डर पर हैं कई चुनौतियां.
अवनीश कुमार सिंह/मोतिहारी. पूर्वी चंपारण को नये पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के रूप में मिले हैं. इससे पहले स्वर्ण प्रभात गोपालगंज में एसपी और मुजफ्फरपुर सिटी एसपी के तौर भी बेहतर काम किया है. गोपालगंज में रहते हुए उन्होंने अपराधियों की बोलती बंद कर दी थी. शराब माफिया, बालू माफिया, भू माफिया के साथ-साथ सभी माफियाओं पर नकेल कस दिये थे. लेकिन मोतिहारी में उनको अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. मादक पदार्थ की तस्करी, जमीन माफिया, बालू माफिया, शराब माफिया पर लगाम लगाना बड़े चैलेंज हैं. वहीं मादक पदार्थ तस्करी और सफेदपोश भू-माफियाओं के बोलबाला के साथ-साथ लंबी चौड़ी अपराधियों की लिस्ट भी है, जिस पर नकेल लगाना नए एसपी के लिए बड़ी चुनौती होगी.
स्वर्ण प्रभात की सबसे खास बात यह है कि इन तमाम उलझनों से लड़ने वाले और इस पर जीत प्राप्त करने वाले अधिकारी के रूप में उनकी पहचान है. इन्हें पुलिस प्रसाशन और विधि व्यवस्था में डीएम के साथ नई और पुरानी अधिकारियों के साथ तालमेल के साथ-साथ अपने खुफिया तंत्र को और भी मजबूत करना होगा, क्योंकि नेपाल बॉर्डर होने के कारण नेपाल के तस्कर, चाहे जाली नोट की तस्करी करने वाले हों, अफीम गांजा की तस्करी करने वाले हों, इनके खिलाफ सख्ती दिखानी होगी.
बता दें कि स्वर्ण प्रभात गोपालगंज के एसपी रहते हुए अपराधी उनसे पनाह मांगते थे. अपराधियों में खौफ था और मुख्यमंत्री के सबसे महत्वपूर्ण ड्रीम योजना शराबबंदी को भी सफल बनाने में उन्होंने अहम योगदान दिया और बड़े-बड़े शराब माफियाओं को जेल भेजने का भी काम किया है. 2017 बैच, बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से भोजपुर के रहने वाले हैं. इन्होंने 105 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. स्वर्ण प्रभात भोजपुर के तरारी प्रखंड के मोआप कला के कौशलेश कुमार सिन्हा और ललिता देवी के पुत्र हैं. यूपीएससी के पहले वो आइआइटीयन थे.
स्वर्ण प्रभात आइआइटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग किया है. आइआइटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वर्ण प्रभात ने माइक्रो सॉफ्ट वेयर कंपनी में जॉब की. अच्छे पैकेज पर दो साल नौकरी करने के बाद स्वर्ण प्रभात ने नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली थी इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और पूरे मन के साथ तैयारी में जुटे रहे.
स्वर्ण प्रभात ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी क्लियर करते हुए 105वीं रैंक हासिल की. पटना में कई संगीन मामलों में आपने बेहतरीन कार्य किया है. आईपीएस स्वर्ण प्रभात एक बेहतरीन पुलिस अफसर के रूप में जाने जाते हैं. शहर को नया एसपी मिलने से कानून व्यवस्था में मजबूती बढ़ने की उम्मीद दिखाई दे रही है और उनके मोतिहारी में पोस्टिंग होने से लोगों मे खुशी का माहौल है.