RG Kar Case: कोलकाता में फिर बवाल, जूनियर डॉक्टरों पर बरसाई लाठियां, सड़क पर ही…

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RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर केस पर फिर बवाल खड़ा हो गया है. जूनियर डॉक्टर फिर से धरने पर बैठ गए हैं. ये डॉक्टर विरो …अधिक पढ़ें

RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर बिटिया के साथ रेप और उसकी हत्या मामले में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. पुलिस ने यहां के जूनियर डॉक्टरों पर लाठियां बरसा दीं. इससे नाराज होकर डॉक्टर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. पिछले दिनों डॉक्टरों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी. लेकिन, अब जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार ने अपने वादे के मुताबिक उनकी सुरक्षा को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया है.

इसी को लेकर जूनियर डॉक्टर शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि इस दौरान उन पर पुलिस ने लाठियां बरसा दी. इसके बाद वे कोलकाता के धर्मतला इलाके में एक अहम सड़क पर धरने पर बैठक गए. पुलिस ने बताया कि डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद शहर के केंद्र में यातायात बाधित हो गई. एक जूनियर डॉक्टर ने कहा कि धर्मतला में सड़क के पास हमारा इंतजार कर रहे हमारे दो साथियों को पुलिस ने पीटा. हमें इसकी वजह नहीं पता. हम यहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और हमें यहां संवाददाता सम्मेलन करने की अनुमति थी. हम पुलिसकर्मियों के इस रवैये का विरोध करते हैं. पुलिस को माफी मांगनी होगी नहीं तो हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

इससे पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि डॉक्टर धर्मतला में एक संवाददाता सम्मेलन में एक अक्टूबर से शुरू हुए अपने ‘कार्य स्थगन’ आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा करेंगे क्योंकि उनकी रैली धर्मतला में संपन्न होनी थी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम डॉक्टरों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं और देख रहे हैं कि इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जा सकता है. जूनियर डॉक्टरों ने शहर के भवानीपुर क्षेत्र स्थित एसएसकेएम अस्पताल से धर्मतला तक रैली निकाली.

इससे पहले नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक साथी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद चिकित्सकों ने 42 दिनों तक पूर्ण रूप से काम बंद रखा था. राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद उन्होंने 21 सितंबर को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. हालांकि, पिछले सप्ताह सरकारी सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज के परिजनों द्वारा चिकित्सकों पर कथित हमले के बाद एक अक्टूबर से कनिष्ठ चिकित्सकों ने काम बंद आंदोलन दोबारा शुरू कर दिया.

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