आंखें मटकाते ही चढ़ गया CISF अफसर का पारा, सबके सामने खुलवा दिए… फटी रह गईं सबकी आंखें

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दिल्‍ली एयरपोर्ट पर एक पैसेंजर की आंखों की हरकते उसके लिए भारी पड़ गईं. इन हरकतों को भांपकर इंटेलिजेंस एजेंसी ने न केवल …अधिक पढ़ें

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Eye Scan: समय… रात के करीब एक बजे रहे होंगे. जगह… इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का टर्मिनल थ्री. सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्‍योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) की इंटेलिजेंस विंग के प्रोफाइलर्स टर्मिनल के बाहर अपनी रूटीन गश्‍त पर थे. तभी अचानक उनकी निगाह कार से सामान निकाल रहे एक पैसेंजर पर टिक जाती है. चूंकि इस पैसेंजर की हरकतें सामान्‍य से कुछ अलग थीं, लिहाजा प्रोफाइलर्स इसका पीछा करना शुरू कर देते हैं.

सीआईएसएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, इस पैसेंजर पर प्रोफाइलर्स की निगाह टिकने की पहली वजह उसके पास मौजूद बैगेज का वेट था. दरअसल, जब प्रोफाइलर्स ने इस पैसेंजर को अपनी कार से बैगेज बाहर निकालते हुए देखा, तो उन्‍हें ऐसा लगा मानों कोई फूलों से भरे बैग उठाकर ट्रॉली में रख रहा हो. इस पैसेंजर के पास एक भी बैग ऐसा नहीं था, जिसका भार सामान्‍य हो. बस यहीं से प्रोफाइलर्स को इस पैसेंजर को शक हो गया.

यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर हिंदी बोलना पड़ गया भारी, झल्‍लाए IB अफसर ने दर्ज कराई FIR, अब तक 2 हो चुके हैं गिरफ्तार… दिल्‍ली एयरपोर्ट से ढाका जा रहे यात्री से ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अफसर ने कुछ औपचारिक सवाल पूछना शुरू किए. जैसे ही इस यात्री ने हिंदी भाषा में अपने जवाब देना शुरू किया, इमिग्रेशन अफसर का माथा ठनक गया. उसके बाद क्‍या हुआ, जानने के लिए क्लिक करें.

उन्‍होंने बताया कि अपने बैग ट्रॉली में रखने के बाद यह पैसेंजर कुछ कदम आगे बढ़ा और फिर रुक गया. फिर इस शख्‍स ने अपनी आंखे मटकाते हुए टर्मिनल इंट्री गेट पर मौजूद भीड़ और सीआईएसएफ कर्मियों की तैनाती पर नजर दौड़ाना शुरू की. कुछ मिनट वहां रुकने के बाद यह शख्‍स फिर आगे बढ़ा और टर्मिनल थ्री के भीतर दाखिल हो गया. इसके बाद, उसने चेक-इन और इमिग्रेशन की प्रक्रिया पूरी की और सिक्‍योरिटी चेक के लिए आगे बढ़ गया.

बस यही पर सीआईएसएफ प्रोफाइलर्स ने इस पैसेंजर को धर दबोचा और कस्‍टम ऑफिस लेकर गए. यहीं पर इस पैसेंजर का चेक-इन और हैंड बैगेज भी मंगवाया गया. कस्‍टम के तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में सीआईएसएफ ने सभी बैग को खुलवाया. बैग खुलते ही जो नजारा सामने दिखा, उसे देखते ही सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं. दरअसल, यह बैग कपड़ों और निजी सामान से नहीं, बल्कि दवा‍इयों से भरा हुआ था.

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