‘पापा, खाना खाए! दवा लेकर सो जाओ’ रात 11:15 में आया लास्ट कॉल, अब पिता कभी नहीं सुनेंगे डॉक्टर बिटिया की आवाज

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RG Kar Doctor Murder: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चेस्ट विभाग में नौ अगस्त को सेमीनार हॉल के भीतर डॉक्टर का शव …अधिक पढ़ें

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कोलकाता. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में पीड़िता के पिता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी बेटी वहां ड्यूटी पर थी और ऑन ड्यूटी एक लड़की के साथ ऐसा हो जाता है, तो ऐसे में घटना की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल की है. उन्होंने यह भी कहा कि 9 अगस्त को हुई घटना के बाद इतने दिन गुजर गए, लेकिन अस्पताल की तरफ से हमें फोन तक नहीं आया और ना ही उन्होंने हमारा हालचाल लिया. आरजी कर अस्पताल पर अपना गुस्सा निकालते हुए डॉक्टर बिटिया के पिता ने कहा कि घटना के बाद जब वह अस्पताल में 6 से 7 घन्टे थे, तब भी उनसे किसी ने कुछ बात नहीं की. उन्होंने कहा, “अस्पताल का पूरा का पूरा डिपार्टमेंट जिम्मेदार है. इतनी बड़ी घटना घट गई, लेकिन प्रिंसिपल ने हमसे एक बार भी बात नहीं की.”

पिता ने बेटी के साथ फोन पर हुई आखिरी बातचीत का भी जिक्र किया और कहा, “वो उस दिन 8 बजकर 10 मिनट पर घर से निकली थी. रात 11 बजकर 15 मिनट पर उसका फोन उसकी मां के पास आया था. मैं भी वहीं था और फोन सुन रहा था. उसने फोन पर बताया कि हमारा खाना आ गया है. हम सब लोग मिलकर खाना खाएंगे. आप भी खाना खा लीजिए और दवा लेकर सो जाइये. अगले दिन सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर अस्पताल से फोन आया. फ़िर हमने फोन किया. फिर अस्पताल से फोन आया और उधर से बोला गया कि मैं असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट बोल रहा हूं. लगता है आपकी लड़की ने सुसाइड कर लिया है.”

उन्होंने आगे कहा, “उसी दिन दोपहर 3 बजे के बाद हमने पहली बार अपनी बेटी की बॉडी को देखा था.पुलिस समय पर आ गई थी क्योंकि थाना अस्पताल में ही है. पोस्टमार्टम लेट हुआ, पर डेड बॉडी जलाने के लिए पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए ग्रीन कॉरिडोर कर दिया.” अस्पताल ने घटना की जानकारी देरी से दी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्या बोले, यह बिलकुल विचार करने की बात है. पीड़िता के पिता ने कहा, “सीबीआई को जांच सौंपने के बाद उनकी टीम बिल्कुल हमारे घर आई थी और बेटी को लेकर काफी कुछ जानने की कोशिश की. हमने बताया कि बेटी की डायरी को लेकर हमको कुछ पता नहीं है.”

पीड़िता के पिता ने बिटिया के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल दर्दनाक है. मेरी बेटी के साथ बर्बरता की गई और घटना में बिल्कुल एक से ज़्यादा लोग थे. बिल्कुल, ये बात सभी बोल रहे हैं. जो डॉक्टर बनता है. उन्हें एक साल फोरेंसिक मेडिसिन भी पढ़ना पड़ता है.” उन्होंने न्यूज18 के साथ बातचीत में कहा, “बेटी अस्पताल की छोटी-छोटी बातें जरूर बताती थी, कोई पेशेंट मेरे पास भी आता था, तो मैं बेटी के पास भेज देता था, तो बेटी बोलती थी… पापा ये मत करिए, नहीं तो मुझे फेल कर दिया जाएगा. उसका थीसिस पेपर भी बदला गया था.”

अस्पताल में चल रही गड़बड़ी पर भी पीड़िता के पिता ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “बिल्कुल, अस्पताल मे गड़बड़ चल रही थी. हम पहले दिन से यह बात बोल रहे हैं. गवर्नर ने हमसे फोन पर बात की थी. आज हमसे उन्होंने कहा है कि वो मिलने आएंगे. हम पूरी तरह से आपके साथ हैं. आपको न्याय जरूर मिलेगा. मुझे केंद्र सरकार पर भरोसा है. सीबीआई पर आस्था है और आरोपी के लिए न्यायालय है जो उसे सजा देगा.”

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