भारतीय सेना के सामने अब थर्राएंगे सारे दुश्मन, रक्षा मंत्रालय का प्लान तैयार, मिलेंगे हाईटेक टैंक, रडार और विमान

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रक्षा मंत्रालय ने नए हाईटेक टैंक, एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार के आधुनिकीकरण और भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू वाहनों (FRCV …अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. अब हमारी सेना से टकराने से पहले दुश्मन देश सौ बार सोचेंगे. भारतीय सेना की ताकत जल्द ही बेहद बढ़ने वाली है, क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने बेहद ही हाईटेक टैंक, रडार और नए गश्ती विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार की रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें से 99% रकम स्वदेशी सप्लायर से खरीद पर खर्च की जाएगी.

T-72 टैंक्स की जगह लेंगे FRCV
इस नई योजना के तहत भारतीय सेना के लिए 1,770 एफआरसीवी (फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल) खरीदे जाएंगे. यह ऐसा लड़ाकू टैंक होगा, जिससे बख्तरबंद कोर का आधुनिकीकरण किया जा सकेगा और इसकी लागत करीब 45,000 करोड़ रुपये होगी. यह FRCV बेहद हाईटेक से लैस होते हैं, जो कई हथियार प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर सकते हैं. सेना फिलहाल टी-90, टी-72 और अर्जुन टैंकों से अपना काम चला रही है, वहीं ये एफआरसीवी अब पुराने पड़ चुके टी-72 टैंक्स की जगह लेंगे.

इसके साथ ही नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 75,000 करोड़ रुपये की लागत से सात और प्रोजेक्ट-17बी स्टील्थ फ्रिगेट के निर्माण को भी डीएसी ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है. इन दो इंजनों वाले डेक-बेस्ड लड़ाकू विमानों के सौदे की अनुमानित कीमत लगभग 50,000 करोड़ रुपये है.

एयर फायर कंट्रोल रडार की भी होगी खरीद
डीएसी सैन्य खरीद के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है, जो सैन्य उपकरण खरीदने की दिशा में पहली मंजूरी देती है. इस समिति ने मंगलवार को कुल मिलाकर ₹1,44,716 करोड़ के 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने हवाई लक्ष्यों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और उन पर हमला करने के लिए वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार की खरीद को मंजूरी दी. इसके अलावा बख्तरबंद और मशीनीकृत पैदल सेना प्लेटफार्म्स की मरम्मत करने के लिए क्रॉस-कंट्री गतिशीलता वाले उपकरणों को भी मंजूरी दी गई.

‘फॉरवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड)’ कहे जाने वाले इस उपकरण का निर्माण आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जो देश के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़े सुधार के तहत तीन साल पहले तत्कालीन आयुध निर्माण बोर्ड (ओएफबी) से बनाई गई सात नई रक्षा कंपनियों में से एक है. भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

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