देश के तीनों सेना प्रमुखों में एक बात है कॉमन, जो है वाकई दिलचस्प, क्या है ये

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Common Link Between Current Chiefs of Armed Forces: देश की तीनों सेनाओं ने एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है. 30 सितंबर से त …अधिक पढ़ें

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Common Link Between Current Chiefs of Armed Forces: एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को देश का अगला वायु सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही देश की तीनों सेनाओं ने एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है. तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना का नेतृत्व वे लोग करेंगे जो किसी समय एक दूसरे के बैचमेट या सहपाठी रहे हैं. भारतीय सेना में यह एक अनोखा संयोग है. 

थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में बैचमेट रहे हैं और वहां से 1983 में पास हुए हैं. जबकि जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल में एक साथ पढ़े हैं.  एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने 30 अप्रैल को नौसेना प्रमुख का पदभार संभाला तो जनरल उपेंद्र द्विवेदी 31 जुलाई तो सेना प्रमुख बने. जबकि एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख बनेंगे. 

तिकड़ी में अमर प्रीत सिंह की नई एंट्री
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह की नवीनतम नियुक्ति के साथ, तीनों रक्षा बलों थल सेना, नौसेना और वायु सेना में पिछले पांच महीनों में नेतृत्व में बदलाव देखा जाएगा. सरकार ने एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह को 21 सितंबर को अगले वायु सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया. वह 30 सितंबर, 2024 की दोपहर से एयर चीफ मार्शल का पद संभालेंगे. वर्तमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी हैं.

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तीनों सेनाओं के बीच बढ़ेगा तालमेल
कहते हैं कि बेहतर परिचय बेहतर तालमेल लाता है. इसलिए, सशस्त्र बलों के प्रमुखों के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में एक मजबूत बंधन साझा करने से, इससे तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है. वरिष्ठ नेतृत्व के बीच इस तरह का जुड़ाव वर्तमान समय में अधिक मददगार होगा जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में सैन्य मामलों का विभाग रक्षा बलों के लिए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहा है. तीनों सेनाएं ऑपरेशन के लिए आवश्यक सामान्य जरूरतों पर भी काम कर रही हैं.

सिंह को 5 हजार घंटे उड़ान का अनुभव
एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह अभी वायुसेना के उप प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं. उनके पास पांच हजार घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है. 27 अक्टूबर, 1964 को जन्मे अमरप्रीत को दिसंबर, 1984 में वायुसेना में लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर शामिल किया गया था. उन्होंने लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी सेवा के दौरान विभिन्न कमान और स्टाफ में काम किया है. वह विदेश में भी तैनात रहे. वायुसेना प्रमुख के रूप में उनकी प्राथमिकताओं में नए लड़ाकू विमानों की खरीद और चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चुनौतियों समेत आधुनिकीकरण शामिल हो सकता है. वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या अधिकृत तौर पर 42 से घटकर करीब 30 रह गई है. अमरप्रीत सिंह परम विशिष्ट सेवा पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं.

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1984 में कमीशन मिला था आर्मी चीफ को
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म एक जुलाई 1964 को हुआ था. उन्होंने रीवा सैनिक स्कूल में 1973 से 1980 तक पढ़ाई की. एनडीए से स्नातक होने के बाद 15 दिसंबर 1984 को उनका सेना में कमीशन हो गया. जनरल द्विवेदी का पैतृक गांव रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत मुड़िला है, शुरुआती दिनों में इनके माता-पिता यही रहते थे. हालांकि अब गांव में इनके परिवार के लोग नहीं रहते हैं. 40 साल की नौकरी में जनरल उपेंद्र द्विवेदी सेना में कई अहम पदों पर रहे हैं. वह 2022-24 तक इन्फेंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ भी रहे हैं. 

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एडमिरल त्रिपाठी नौसेना के 26वें प्रमुख
एडमिरल दिनेश  कुमार त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था. वह सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे हैं. संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ  एडमिरल त्रिपाठी का करीब 40 वर्ष का लंबा करियर रहा है. दिनेश कुमार त्रिपाठी की पांचवीं तक की शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में ही हुई. साल 1973 में उन्हें रीवा के सैनिक स्कूल में दाखिला मिला. साल 1981 में यहां से निकले तो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला, पुणे (महाराष्ट्र) पहुंचे. वह 1 जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे.

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