18 दिन पूछताछ 2 पॉलिग्राफ टेस्ट, संदीप घोष से CBI क्या पता करना चाह रही? पीड़िता की डेथ के बारे में क्या बताया

Uncategorized

सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि जब पुलिस आर जी कर अस्पताल पहुंची तो घोष वहां क्यों नहीं थे. घोष के कॉल डिटेल्स का अध …अधिक पढ़ें

संबंधित खबरें

कोलकाता: आरजी कार अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या मामले में सीबीआई जांच के 18 दिन पूरे हो चुके हैं. मामला अभी भी उलझा ही नजर आ रहा है. अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी सीबीआई के जांच के घेरे में है. उनसे लगातार पूछताछ हो रही है. उन्होंने लेडी डॉक्टर की हत्या के बारे में जांच एजेंसी को बताया. इस दौरान उनका दो पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ है. उन्होंने बताया, ‘पीजीटी डॉक्टर की मौत की जानकारी उनको 9 अगस्त को सुबह 10.20 बजे मिली थी.’

पीड़िता की डेड बॉडी फर्स्ट ईयर के एक स्टूडेंट ने सुबह 9.30 बजे पीड़ित की बॉडी को सेमिनार हॉल में पड़ा देखा था. उसके बाद 10 मिनट के बाद ही आरजीकर पुलिस आउटपोस्ट ने ताला पुलिस को इसकी जानकारी दी थी. वहीं, लगभग 50 मिनट बाद ही ताला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया. पुलिस की जनरल डायरी नंबर 542 से पता चलता है कि पुलिस ने सुबह 10.10 बजे केस दरेज किया था. वहीं, लगातार 18 दिनों से घोष अपनी बात को लगातार दोहरा रहे हैं.

संदीप घोष ने उस दिन की घटना के बारे में सीबीआई को जो बताया, ‘आरजी कर के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर सुमित रॉय तापदार ने सुबह 10 बजे उनको कॉल किया था. हालांकि, वह कॉल नहीं उठा पाए क्योंकि वह शॉवर में थे. घोष ने कहा कि उन्होंने सुबह करीब 10.20 बजे तपादार को वापस फोन किया था. तब पहली बार पीजीटी डॉक्टर की मौत के बारे में पता चला. इसके बाद, मैं अस्पताल पहुंचा. इस दौरान रास्ते में कई लोगों और ताला पुलिस स्टेशन के एसएचओ को फोन किया था. उधर से सुबह 10.30 बजे जवाब आया. पुलिस ने बताया कि उन्हें घटना के बारे में पहले से ही पता था.’

घोष ने जिन अन्य लोगों को फोन किया था, वे एमएसवीपी संजय वशिष्ठ, रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष सुदीप्तो रॉय और चेस्ट मेडिसिन एचओडी अरुणाभा दत्ता चौधरी थे. घोष ने दावा किया कि उन्होंने ओसी से घटनास्थल को सुरक्षित करने के लिए कहा था. पूर्व प्रिंसिपल के अनुसार, वे सुबह करीब 11 बजे अस्पताल पहुंचे थे. उस दिन अस्पताल में कई ऐसे लोग मौजूद थे जो आरजी कर से संबंधित नहीं थे, लेकिन घोष को जानते थे. वे सभी अस्पताल पहुंच चुके थे, इससे पहले कि पीड़िता के माता-पिता को अस्पताल से फोन आता कि उनकी बेटी ने ‘आत्महत्या’ कर ली है. उन्हें घटना की जानकारी किसने दी और किसने फोन करने वाले को ऐसा कहने के निर्देश दिए थे…

सीबीआई अब इस बात की जांच कर रही है कि जब पुलिस आर जी कर अस्पताल पहुंची तो घोष वहां क्यों नहीं थे. घोष के कॉल डिटेल्स का अध्ययन करने के अलावा, जांचकर्ता अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी से भी बात कर रहे हैं. सीबीआई कुछ और पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा सकती है. मुख्य आरोपी संजय रॉय द्वारा प्रशासकों की भूमिका के बारे में कोई सुराग न दिए जाने के कारण, केंद्रीय एजेंसी 9 अगस्त की सुबह गेट पर ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्डों से भी पूछताछ कर रही है. इस सप्ताह की शुरुआत में उनमें से दो का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *