अब थर-थर कांपेगा अमेरिका! साथ आ गए उसके 2 कट्टर दुश्मन, पुतिन ने कहा- दोस्त, पश्चिम के सामने नहीं झुकेंगे

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सियोल. अमेरिका के दो कट्टर दुश्मन रूस और उत्तर कोरिया एक साथ सामने आ गए हैं. इससे अमेरिका के सामने एक बड़ी चुनौती सामने आ गई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज से उत्तर कोरिया के दौर पर जाने वाले हैं. जिससे अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के साथ एक व्यापार और सुरक्षा प्रणाली बनाने का वादा किया जो पश्चिमी देशों के नियंत्रण में नहीं है. उत्तर कोरिया की अपनी यात्रा से पहले मंगलवार को उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया में प्रकाशित एक पत्र में पुतिन ने तानाशाह किम उन जोंग के शासन को अपने अटूट समर्थन का वचन दिया.

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि दोनों देशों ने पिछले 70 साल में समानता, आपसी सम्मान और भरोसे के आधार पर अच्छे संबंध और साझेदारी विकसित की है. पुतिन ने लिखा कि दोनों देश संयुक्त रूप से नाजायज एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करेंगे. साथ ही यूरेशिया में सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखेंगे. पुतिन ने यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान का समर्थन करने के लिए उत्तर कोरिया को धन्यवाद दिया. उन्होंने अमेरिकी दबाव, ब्लैकमेल और सैन्य धमकियों के बावजूद अपने हितों की रक्षा के लिए उत्तर कोरिया की कोशिशों के लिए समर्थन की कसम खाई.

पुतिन आज से दो दिनों के लिए 24 साल में पहली बार उत्तर कोरिया का दौरा करने वाले हैं. पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया इस यात्रा के दौरान एक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. जिसमें सुरक्षा मुद्दे शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि यह समझौता किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होगा, बल्कि आगे के सहयोग की संभावनाओं को सामने रखेगा. हाल के समय में हमारे देशों के बीच जो कुछ हुआ है उसे ध्यान में रखते हुए हस्ताक्षर किए जाएंगे.

रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, प्राकृतिक संसाधन, स्वास्थ्य और परिवहन मंत्री, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी और उसके रेलवे के प्रमुख और ऊर्जा के लिए पुतिन के प्रमुख, उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक पुतिन के साथ दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. अमेरिका ने कहा कि पुतिन पिछले कुछ महीनों में अविश्वसनीय रूप से हताश होते दिख रहे हैं. युद्ध के मैदान में खत्म हो रहे हथियारों की भरपाई के लिए वे ईरान और उत्तर कोरिया की ओर देख रहे हैं. जबकि मॉस्को और उत्तर कोरिया ने हथियारों के लेनदेन से इनकार किया है. उत्तर कोरिया के बाद पुतिन 19-20 जून को वियतनाम का दौरा करेंगे.

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