हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और AAP में क्यों नहीं हो सका गठबंधन? दोनों के अरमानों का ‘डिब्बा’ किसने गायब किया?

देश

Side Effects of Haryana Chunav: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चाहते हुए भी हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच …अधिक पढ़ें

संबंधित खबरें

नई दिल्ली. हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सारी संभावनाएं अब लगभग खत्म हो गई हैं. हरियाणा में 12 सितंबर नामांकन का आखिरी दिन है. ऐसे में ‘आप’ ने भी 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. बीते लोकसभा चुनाव में दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस और ‘आप’ दोनों मिलकर चुनाव लड़ी थी. अब दोनों पार्टियां हरियाणा में एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेगी. सूत्रों की मानें तो हरियाणा कांग्रेस के सीएम चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की वजह से गठबंधन नहीं हो सका. ऐसे में कांग्रेस नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी की उस अरमान पर ग्रहण लग गया, जिसे वह 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में देख रहे थे.

आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि पार्टी पूरी ताकत से अब अकेले चुनाव लड़ेगी. पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों में गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी. लेकिन, नामांकन की तारीख नजदीक होने और सीटों की संख्या में सहमति नहीं बनने के कारण अब दोनों दलों नेअलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला गिया है.

मां के अरमानों का हो गया ‘कत्ल’, एयरपोर्ट पहुंचते ही बेटा हो गया गिरफ्तार, लगा ऐसा झटका, खिसक गई पैरों तले जमीन

‘आप’ और कांग्रेस में क्यों नहीं हुआ गठबंधन?
आम आदमी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी भी कर दी है. आप के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में साफ कर दिया है कि हमारे पास ज्यादा समय नहीं बचा है. हरियाणा में आप का पहले से ही मजबूत जनाधार है और हमलोग इसके सहारे अब सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मंगलवार शाम तक दूसरी या अंतिम सूची जारी कर देंगे.’

पिछले कई दिनों से दोनों दलों में गठबंधन को लेकर कई राउंड की बातचीत हुई, लेकिन सीटों की संख्या को लेकर दोनों में सहमति नहीं बनी सकी. आम आदमी पार्टी द्वारा लड़ी जाने वाले कुछ विधानसभा सीटों की संख्या को लेकर भी दोनों दलों में मतभेद थे. आम आदमी पार्टी की तरफ से बातचीत करने वाले राघव चड्ढा जहां 10 सीट पर अड़े थे, वहीं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया 5 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थे.

BNS से 50 दिन के अंदर दिला दी मर्डर के दोषियों को सजा, अब DGP ने किया सम्मान, जानें इस IPS अधिकारी के बारे में

राहुल गांधी के सपने का क्या होगा?
ऐसे में राहुल गांधी की उस कोशिश को झटका लगा, जिसके तहत वह हरियाणा में आप के साथ गठबंधन करना चाहते थे. राहुल गांधी की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर थी. अगर हरियाणा में दोनों दलों के बीच गठबंधन होती तो दिल्ली का रास्ता कांग्रेस के लिए आसान हो जाता. हरियाणा में जहां कांग्रेस मजबूत है तो वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मजबूत जनाधार है. आपक बता दें कि बीते दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का दिल्ली में खाता नहीं खुल सका है.

हरियाणा में आप के साथ गठबंधन नहीं होने पर दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं, ‘हरियाणा विधानसभा में क्यों समझौता नहीं हुआ है ये मैं नहीं बता सकता. जहां तक दिल्ली की बात है कांग्रेस यहां पहले से ही मजबूत है. राहुल गांधी जानते हैं कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का खुद का एक बड़ा जनाधार है. दो दिन पहले ही आम आदमी पार्टी के सीमापुरी से मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम कांग्रेस में शामिल हुए हैं. कल ही बुराड़ी और चांदनी चौक विधानसभा से आम आदमी पार्टी और भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस ज्वाइन किया है. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और सत्ता में आएंगे.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *