Haryana Chunav 2024 : हरियाणा के 115 साल के वोटर लख्मीशेख 70 साल पहले पानीपत के बापौली गांव आए थे और यहीं घर-परिवार बसा …अधिक पढ़ें
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पानीपत. हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections 2024) के लिए सियासत जोरों पर है. पार्टियां जहां टिकट बांट रही हैं वहीं, लोग भी सियासत के महाकुंभ में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं. इनमें खास हैं प्रदेश के वो 10 हजार से अधिक वोटर, जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है. ऐसे ही एक वोटर हैं लख्मीशेख. वह आधिकारिक तौर पर 115 साल के हैं, लेकिन दावा करते हैं कि उनकी उम्र 140 साल हो गई है. लख्मीशेख हरियाणा के चौथे सबसे उम्रदराज वोटर हैं.
दरअसल, पानीपत के बापौली खंड के गांव रसलापुर में रह रहे लख्मीशेख सबसे बुजुर्ग मतदाताओं की सूची में चौथे स्थान पर आते हैं. डॉक्यूमेंट और रिकॉर्ड के अनुसार, उनकी उम्र 115 साल है. न्यूज़18 से लख्मीशेख ने बातचीत की और देश, शहर और अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बारे में बातचीत की.
लख्मीशेख ने बताया कि उन्होंने हर चुनाव को करीब से देखा और समझा है. वह कहते हैं, करीब 70 साल पहले मैं पानीपत के बापौली गांव आया. यहीं घर-परिवार बसा लिया. पहले का दौर ऐसा था कि मतदाता को अपना मत किसी के जोर दबाव में आकर या किसी लालच में नहीं डालना पड़ता था. आज के समय में शराब जैसी चीजों से भी लोगों के वोट खरीद लिए जाते हैं. पहले का समय सच्चा और भरोसे वाला था.
लख्मीशेख सबसे बुजुर्ग मतदाताओं की सूची में चौथे स्थान पर हैं.
लख्मीशेख ने कहा कि उनके परिवार के करीब 500 लोग गांव में हैं. उन्होंने चार निकाह किए और चारों पत्नियों का निधन हो चुका है. एक पत्नी और एक बेटा पाकिस्तान में चले गए थे. एक बेटा अब पाकिस्तान में रहता है और 6 बेटे रासलापुर गांव में रहते हैं. उनके परिवार के करीब 400 वोट हैं. सरपंच चुनाव में भी उनका बड़ा योगदान रहता है. बुजुर्ग लख्मीशेख के इस समय प्रिय नेता नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा 2024 के चुनाव में कांग्रेस को वोट डालने की बात कही.
70 साल पहले लख्मीशेख हरियाणा आए थे.
लख्मीशेख बताते हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसी भी नशे को हाथ नहीं लगाया और वो सबसे ज्यादा नफरत नशे से करते हैं. लख्मीशेख का कहना है कि अबकी बार भी वह खुद मतदान केंद्र पर जाकर मतदान करेंगे और बिना किसी लोभ-लालच के अपना वोट डालेंगे.
इसी गांव में रहते हैं लख्मीशेख.
लख्मीशेख के बेटे निसार अली ने बताया कि पिता और उनके आठ भाई-बहन यहां पर रहने आए थे. उन्होंने बताया कि आधा गांव अब उन्हीं का बसाया हुआ है. बेटे ने बताया कि हम लोग निष्पक्ष चुनाव करते हैं और पिता के कहने अनुसार लोग वोट डालते हैं. बेटे ने बताया कि उनकी उम्र 46 साल हो गई है और वह उनकी चौथी पत्नी की संतान हैं.