लोग न जोड़ने पर पीटते- रेप करते…’ सामने आई नेटवर्किंग वाली लड़की, बयां किया मुजफ्फरपुर कांड का घिनौना सच
मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी में एक फर्जी नेटवर्किंग कंपनी में लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में थाने में केस दर्ज करने के बाद जहां पुलिस आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है. वहीं इस घटना से जुड़े मारपीट के वायरल वीडियो में दिखने वाली पीड़िता ने News 18 के कैमरे पर घटना से जुडी तमाम बातों का खुलासा किया है.
पीड़िता ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से पहले हरेराम सर से दोस्ती हुई, उसके बाद मैसेंजर पर चैट हुआ. उन्होंने नौकरी का प्रलोभन दिया, हाजीपुर में चलने वाले DVR कम्पनी में डॉक्यूमेंट और 20500 रूपये लेकर बुलाया गया. मौसी से कर्ज लेकर पीड़िता ने हाजीपुर में रामाशीष चौक के निकट ज्वाइन किया. लेकिन, वहां काम के बजाए उन्हें साईकोलॉजी पढ़ाया जाने लगा. उन लोगों को कंविंस करने का तरीका सिखाया जाने लगा. नौकरी के नाम पर लोगों को जोड़ने का तरीका सिखाया जाने लगा. पीड़िता ने बताया उसने भी भी अपने माध्यम से 21 लोगों को जोड़ा, जिनसे कम्पनी ने 20500 रूपए ले लिए. इस काम के बदले किसी को सैलरी नहीं मिलती थी. बस कहा जाता था कि 15500 रूपए महीना मिलेंगे. वहीं जो लड़कियां नहीं जोड़ पाती थी उन्हें मारा पीटा जाता था.
पीड़िता ने बताया कि उसके माध्यम से 14 लड़कियों ने ज्वाइन किया. लेकिन किसी को उनके परिवार से पर्सनल बात नहीं करने दिया जाता था, ताकि कोई निगेटिव बात न बता दे, वहीं लड़कियों का जबरन यौन शोषण भी किया जाता था. पीड़िता ने बताया कि उसके साथ भी बहुत कोशिश किया गया, लेकिन उसने हिम्मत दिखाकर इसका विरोध किया. अपने साथ मारपीट की घटना को लेकर उसने कहा कि जब लोगों को नहीं जोड़ पाते थे तो वो लोग मारते थे, पहले भी कई बार मारा गया. लेकिन, बाद में जब मारा गया तो उसका वीडियो भी बनाया गया. मारने वाले में हरेराम, तिलक प्रताप, अजय प्रताप शामिल था. वहीं वीडियो बनाने वाला नूर आलम और विजय गिरी शामिल था. पीड़िता ने बताया कि जो लड़की वहां कुछ महीने रह जाती थी, नेटवर्क बना लेती थी, उनके साथ शारीरिक शोषण होता था, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल पाती थी.