यूपी में सफेद कोबरा की मिलने की खबर मीडिया में चर्चा में है. क्यों सफेद रंग के कोबरा को खास माना जाता है. इसके मिलने को …अधिक पढ़ें
- NEWS18 हिंदी
- LAST UPDATED : JULY 16, 2024, 12:50 IST
संबंधित खबरें
- झारखंड के सबसे 6 जहरीले सांप, कांट ले तो फटाफट करें ये उपाय, बच जाएगी जान
- इस जिले में है किंग कोबरा की भरमार…वन विभाग की टीम ऐसे करती है रेस्क्यू
- बारिश में ये 5 पौधे सांपों को घर से रखेंगे दूर, नहीं लगा रखा तो आज ही लाएं
- विकास को 7 बार किस सांप ने काटा? सामने आई सच्चाई, अफसरों ने सुलझाई पहेली
हाइलाइट्स
हजारों – लाखों में एक होता है सफेद रंग का कोबराइसके सफेद रंग के होने के पीछे उसकी एक खास वजह होती हैसफेद कोबरा में मैलेनिन की बहुत कमी होती है, जो सांपों को रंग देता है
यूपी में प्रयागराज में एक सफेद कोबरा मिलने की खबर आई है. दरअसल कोबरा कई रंगों में तो जरूर मिल जाते हैं लेकिन सफेद रंग का कोबरा ढूंढे नहीं मिलता. इसलिए इसे बहुत दुर्लभ माना जाता है. हालांकि अंधविश्वासों में इसके मिलने को भगवान शिव के खास दूत से जोड़कर इसकी पूजा की जाने लगती है. वैसे इसका सफेद रंग ना तो कोई दैवीय बात है और ना इसका मतलब ये हुआ कि दूसरे कोबरा सांपों में खास और विशिष्ट होता है, इसके इस सफेद रंग का क्या राज है, वो हम आगे बताएंगे.
वैसे हम आपको ये बता देते हैं कि उत्तर भारत में आमतौर पर काले या ग्रे कलर का कोबरा सांप मिलता है. दक्षिण भारत में मिलने वाले कोबरा एकदम चमकती हुई सोने की त्वचा वाले या भूरे होते हैं. सफेद रंग के कोबरा नहीं के बराबर ही होते हैं. दरअसल जो सफेद कोबरा होता है, उसके इस रंग के पीछे की कहानी उसके शारीरिक कष्ट या दिक्कत से ज्यादा जुड़ी है.
क्यों इस कोबरा का रंग हो जाता है सफेद
वाइल्ड लाइफ कंजर्वेटर मृदुल वैभव ने बातचीत में बताया कि असल में जब किसी सांप में मैलेनिन की कमी हो जाती है तो उसे रंग नहीं मिल पाता और वह सफेद रंग का हो जाता है. यानि कहा जा सकता है कि सांप के सफेद रंग के पीछे उसका मैलेनिन ही ज्यादा जिम्मेदार है, जिसे उसकी त्वचा की बीमारी भी कह सकते हैं. इसे सांप को अल्बिनो कहते हैं.
एक्सपर्ट के अनुसार किसी भी सांप का सफेद होना कोई नस्ल नहीं है बल्कि ये उसकी एक बीमारी की निशानी है.
इसे अल्बिनो कोबरा भी कहते हैं
अगर कोबरा में ये होता है तो उसको अल्बिनो कोबरा कहते हैं. क्या इसका सफेद रंग इसे कुछ खास बना देता है, इस सवाल के जवाब में मृदुल कहते हैं कि कुछ कोबरा खालिस सफेद हो सकते हैं लेकिन कुछ का ऊपरी हिस्सा केवल व्हाइट होता है और बीच व नीचे का हिस्सा पीला हो सकता है.
हां इसका जहर बहुत घातक होता है
ऐसे सांप ना तो ठीक से देख सकते हैं और ना सही तरीके से चल पाते हैं. वो सूरज का सीधा सामना करने से बचते हैं. उनकी आंखें गुलाबी होती हैं. उनकी अलर्टनेस पर भी उनकी इस स्थिति का असर पड़ता है. रही बात विष की तो इनमें जहर उतना ही घातक होता है, जितना किसी और कोबरा में.
क्यों ये अपनी पूरी जिंदगी नहीं जी पाते
आमतौर पर रंगीन कोबरा में उनके फन के पीछे एक अलग रंग का चश्मा सा दीखता है लेकिन वो सफेद रंग के कोबरा में नहीं होता है. सफेद रंग के कोबरा अपनी पूरी जिंदगी जी पाएं, ऐसा बहुत कम होता है, क्योंकि अपनी शारीरिक कमजोरी के कारण या उनका शिकार हो जाता है या वो अपनी सुरक्षा नहीं कर पाते.
पिछले साल साउथ इंडिया लंबा अल्बिनो कोबरा मिला था
पिछले साल साउथ इंडिया में पांच फीट लंबा अल्बिनो कोबरा पाया गया था. जिसको एक भारतीय गैर-लाभकारी संगठन, वन्यजीव और प्रकृति संरक्षण ट्रस्ट ने पकड़कर जंगल में वापस छोड़ दिया.
किंंग कोबरा के मुंह में सामने की ओर खोखले दांत होते हैं जो ऊपरी जबड़े से जुड़े होते हैं. इनके जबड़ों में इतनी ताकत नहीं होती कि अपने शिकार को नुकीले दांतों से पकड़ सकें. इसके बजाय ये जहर इंजेक्ट करते हैं. शिकार को डराने के लिए अपने गर्दन को हिलाते हैं और हिस्स की आवाज निकालते हैं.
इंडियन कोबरा कैसे किंग कोबरा से अलग
वैसे हम आपको ये भी बता देते हैं इंडियन कोबरा कैसा होता है और दुनिया में भयंकर माने जाने वाले किंग कोबरा से कितना मिलता जुलता है और कितना अलग है. किंग कोबरा आमतौर पर भूरे या जैतून हरे रंग के होते हैं, जिन पर हल्के पीले रंग की धारियां और काला सिर होता है. इंडियन कोबरा का रंग अलग-अलग होता है, लेकिन वे अक्सर भूरे, स्लेटी या काले रंग के होते हैं. उनके सिर के पीछे एक हुड का निशान होता है.
कितना जहर इंजेक्ट करता है किंग कोबरा
किंग कोबरा अधिक जहर इंजेक्ट कर सकते हैं,उसमें इतना जहर होता है कि एक बार में 11 लोगों को मार सकता है. इंडियन कोबरा का जहर अधिक केंद्रित होता है. वो एक बार में 10 लोगों को मार सकता है. ये किलर सांप कहलाता है जो हर साल करीब 15000 लोगों को मारता है. ये ऊंचाई वाले इलाकों और रेगिस्तानों को छोड़कर पूरे भारत में मिलते हैं. आमतौर पर जंगलों, कृषि भूमि और मानव बस्तियों के पास मिलते हैं.
जेब्रा स्पिटिंग कोबरा का सिर काला या भूरा होने के साथ ही गला भी काला होता है. इसके पेट पर हल्का भूरे या क्रीम रंग की धारियां होती हैं. जब यह छोटा होता है, तो शरीर पर हल्की भूरी या काली और सफेद धारियां नजर आती हैं. जैसे-जैसे ये बड़े होते जाते हैं, इनका रंग गहरा होता जाता है.
लंबाई में कितने बड़े होते हैं
किंग कोबरा भारतीय कोबरा से बड़े होते हैं। इन सांपों का वजन 15 पाउंड और लंबाई 19 फीट हो सकती है। ये दुनिया के सबसे बड़े जहरीले सांप हैं । भारतीय कोबरा काफी छोटा होता है, औसत के उच्चतम स्तर पर उसका वजन केवल 6 पाउंड होता है और ज्यादातर मामलों में उसकी लंबाई लगभग 7 फीट होती है। हालाँकि, लगभग 10 फीट लंबे बड़े भारतीय कोबरा पाए गए हैं.
इंडियन कोबरा में कितना होता है जहर
एक किंग कोबरा अपने दुश्मनों पर काटने पर 1,000 मिलीग्राम तक जहर डाल निकाल सकता है. इंडियन कोबरा उस मात्रा का केवल एक चौथाई हिस्सा ही इंजेक्ट करता है, अधिकतम 250 मिलीग्राम तक. इंडियन कोबरा का जहर ज्यादा मजबूत होता है.
वैसे किंग कोबरा शायद ही कभी इंसानों को मारता है. इसके बजाय वो अपना फन फैलाकर डराता ज्यादा है. वो काटता तभी है, जब उसे लगता है कि वो सच में खतरे में है. इंडियन कोबरा इंसानों को खूब काटते हैं.
factanimal.com की रिपोर्ट के मुताबिक, कोबरा के बच्चे पैदा होते ही जहर विकसित कर लेते हैं. स्तनधारियों और पक्षियों के विपरीत कोबरा मादा केवल अंडों की तब तक रक्षा करती है जब तक कि वे फूट न जाएं. अंडे सेने के बाद कोबरा के बच्चे अकेले होते हैं. इसलिए उनमें शिकार करने की, और खुद को शिकारियों से बचाने की पूरी क्षमता होती है.
कैसे होते हैं दांत
किंग कोबरा और इंडियन कोबरा के दांत छोटे, मजबूत और स्थिर होते हैं. उनके दांत अन्य सांपों की तरह मुड़े हुए नहीं होते. किंग कोबरा के दांत बड़े 0.5 इंच के होते हैं यानि कह सकते हैं मानव दांतों के बराबर जबकि इंडियन कोबरा के दांत 0.3 इंच के होते हैं. दोनों अपने नुकीले दांतों से जहर छोड़ते हैं.
भारत में भी मिलता है किंग कोबरा
किंग कोबरा भारतीय उपमहाद्वीप के साथ दक्षिण पूर्व एशिया के कई हिस्सों में मिलता है तो इंडियन कोबरा केवल भारतीय उपमहाद्वीप में ही मिलता है. इंडियन कोबरा का वैज्ञानिक नाम नाजा नाजा है. यह सांप नाजा प्रजाति का सदस्य होने के कारण असली कोबरा है. किंग कोबरा, अपने नाम के बावजूद, असली कोबरा नहीं है. इस सांप का वैज्ञानिक नाम ओफियोफैगस हन्ना है.
अगर किंग कोबरा और इंडियन कोबरा में लड़ाई हो तो किंग के जीतने के चांस हमेशा ज्यादा रहेंगे. इसकी वजह ये भी है कि किंग कोबरा कहीं अधिक बड़ा, अधिक शक्तिशाली और बड़े नुकीले दांतों वाला होता है.
अगर दोनों एक दूसरे को काटें तो क्या होगा
अगर किंग कोबरा और इंडियन कोबरा एक दूसरे को काटें तो निश्चित तौर पर दोनों का जहर एक दूसरे को खत्म कर देगा. काटने की स्थिति में दोनों ही एक दूसरे के शरीर में बहुत जहर पहुंचाएंगे. वैसे बड़ा सांप छोटे की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहेगा. वैसे जब इन दोनों सांपों में लड़ाई होती है तो किंग कोबरा जीतता जरूर है लेकिन अपनी जीत का जश्न ज्यादा समय तक मना नहीं पाता क्योंकि दोनों एक दूसरे के शरीर में काट-काटकर इतना जहर पहुंचा चुके होते हैं कि बचते नहीं.
Tags: Cobra snake, Snake Rescue, Snake Venom
FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 12:50 IST