दिल्ली के राजेन्द्र नगर कोचिंग इंस्टिट्यूट हादसे में तीस हजारी कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों की ज़मानत याचिका खारिज कर दी …अधिक पढ़ें
संबंधित खबरें
- क्या किसी MCD अफसर को जेल भेजा? IAS कोचिंग हादसे में हाईकोर्ट ने पूछे सवाल
- ये मस्तीखोर है… राव IAS कोचिंग कांड में कार ड्राइवर को लेकर पुलिस का खुलासा
- मुझे डेढ़ महीने में UPSC Mains Exam में शामिल होना है पर… कौन लेगा इनकी सुध?
- वाजी राम, श्रीराम, दृष्टि… अब तक 20 IAS कोचिंग सेंटर को MCD ने किया सील
नई दिल्ली. राजेंद्र नगर की राउज IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में 3 छात्रों की मौत के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने कार चालक समेत सभी 5 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी. सभी आरोपियों को अभी जेल में ही रहना होगा. कार चालक मनोज कथूरिया ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रद्द करने की मांग की है. इस पर कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.
इस मामले में बेसमेंट के मालिक और कार ड्राइवर फिलहाल जेल में बंद हैं. छात्रों में इसे लेकर गुस्सा है. वे पुलिस के अलावा एमसीडी के अधिकारियों की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि पुलिस और एमसीडी के अफसरों की मिलीभगत की वजह से ही यह हादसा हुआ. इसलिए इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
उसका तो ऐसा इरादा नहीं था
कार चालक मनोज कथूरिया के वकील तरुण राणा ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा कि पुलिस ने कार चालक को क्यों गिरफ्तार किया. वह तो एक सामान्य आदमी की तरह वहां से गुजर रहा था. उसका बेसमेंट तोड़ने का कोई इरादा तो नहीं था. उसे पता भी नहीं था कि अगर वह इस रास्ते से गुजरेगा तो बिल्डिंग का गेट टूट जाएगा. उसकी जगह गाड़ी में कोई भी हो सकता है.
लापरवाही साफ-साफ दिख रही
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस और एमसीडी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा, जब इतनी बड़ी लापरवाही साफ-साफ दिख रही है, तो एमसीडी के अधिकारियों को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. यह जानबूझकर की गई लापरवाही दिखती है. कोर्ट ने एमसीडी के कमिश्नर को अगली सुनवाई पर तलब किया है.