एलजेपी (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की पार्टी एनडीए का हिस्सा है. वो खुद नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। इ …अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और भारतीय जनता पार्टी के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है? हाल फिलहाल के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं पर गौर करें तो पता चलता है कि चिराग लगभग पर मुद्दों पर सरकार पर असहमति जताते रहे हैं, चाहे वो लैटरल एंट्री का विरोध हो, जाति जनगणना या एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध, चिराग ने हर मुद्दों पर सरकार से असहमति दिखाई है और विपक्ष की तरह अपनी भूमिका निभाई.
इधर, चिराग ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भी अपना स्टैंड लगभग विपक्ष जैसा रखा. चिराग तो यहां तक कहने लगे थे कि बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ, तो विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी. इससे पहले वह आरक्षण पर सरकार के स्टैंड के खिलाफ खड़े थे. उन्होंने विपक्ष के भारत बंद का समर्थन किया. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भी बीजेपी के सहयोगी अन्य दलों से चिराग अलग अंदाज में दिखे. अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चिराग के इस चाल से बीजेपी नाराज चल रही है.
गिला-शिकवा दूर करने पहुंचे चिराग
चिराग के केंद्र सरकार से अलग राय रखने को लेकर बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं में नारजगी है. ऐसे कायास लगाए जा रहे हैं, कि इसी नाराजगी को खत्म करने के लिए चिराग शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे. इससे पहले चिराग के चाचा पशुपति पारस ने भी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष से मुलाकात की थी. चिराग ने सोशल मीडिया पर गृहमंत्री शाह के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की हैं. साथ ही उन्होंने पीटीआई से एक इंटरव्यू में बताया कि नरेंद्र मोदी के प्रति मेरा प्यार अटूट है. जब तक वे प्रधानमंत्री हैं, उनसे मुझे कोई अलग नहीं कर सकता है.
कुछ दिन से सुर बदले नजर आए
एलजेपी (R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की पार्टी एनडीए का हिस्सा है. वो खुद नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं. इसके बवजूद तकरीबन तीन महीने के एनडीए सरकार के कार्यकाल में चिराग पासवान के बयान से नहीं लगता कि वे नरेंद्र मोदी के हनुमान हैं. जिन दिनों उनकी पार्टी में टूट पड़ गई थी और वह अकेले पड़ गए थे, तब वह खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते थकते नहीं थे. पीएम मोदी भी उन्हें काफी लाड़-दुलार देते थे. लेकिन, अब मोदी सरकार के फैसलों या एनडीए के स्टैंड पर ही चिराग मुंह मोड़ ले रहे है. एनडीए में रहते हुए उनकी भूमिका विपक्ष जैसी हो गई है.