Tunnel in India : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में 74 और टनल बनाने का ऐलान किया है. उन्होंने कह …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
देश में अभी तक 35 नई सुरंगों का निर्माण पूरा हो गया है.134 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण अभी चल रहा है.सरकार का 273 किलोमीटर लंबी टनल बनााने का और प्लान है.
नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में अगले कुछ साल के भीतर 74 सुरंगें बनाई जाएंगी. इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है. इसका फायदा रोड़ कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने में मिलेगा. सरकार की मंशा दो शहरों के बीच सबसे छोटे रूट तैयार करने और कम समय में सफर पूरा कराने की है. इसके लिए जिन रास्तों में नदी या अन्य बाधाएं आती हैं, वहां फ्लाईओवर और जिन रास्तों में पहाड़ या अन्य ऐसी कोई बाधा आती है, वहां सुरंग बनाने की तैयारी है.
नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमने अभी तक 35 नई सुरंगों का निर्माण पूरा कर लिया है. इनकी कुल लंबाई 49 किलोमीटर है और इस पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. अब सरकार की मंशा देश के नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के जाल को और मजबूत करने के लिए टनल बनाने की है. इसके लिए बड़ा प्लान भी तैयार किया जा चुका है.
कितने किलोमीटर की होगी टनल
गडकरी ने बताया कि अभी तक हम 49 किलोमीटर लंबी सड़क बना चुके हैं, जबकि 134 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण अभी चल रहा है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. आगे हमारी मंशा टनल का विस्तार 273 किलोमीटर तक ले जाने का है और इस पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है. इस टनल निर्माण से हम सड़क मार्ग से यातायात को और सुगम बनाएंगे, ताकि कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा जा सके और ईंधन के साथ समय की भी बचत हो.
भारत ने बना दी सबसे ऊंची टनल
आपको बता दें कि भारत ने दुनिया की सबसे ऊंची टनल का निर्माण कर इतिहास रच दिया है. इसी साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल का उद्घाटन किया. इसकी ऊंचाई 13,000 फीट है, जो दुनिया की सबसे ऊंची बाई-लेन टनल है. इसे बनाने में 825 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इसके अलावा चीन सीमा के पास 4.1 किलोमीटर लंबी ट्वीन टनल भी लांच की है. इससे पहले 3 अक्टूबर, 2020 में 10 साल मेहनत के बाद तैयार हुई अटल टनल ने तो लद्दाख जाने का रास्ता ही आसान कर दिया. इस टनल को बनाने में 3,200 करोड़ रुपये का खर्चा आया था.
किस कंपनी ने सबसे पहले छुआ 1 ट्रिलियन डॉलर कैपआगे देखें…
क्वालिटी सबसे ज्यादा जरूरी
फिक्की के टनल इंडिया कॉन्फ्रेंस में गडकरी ने कहा कि हमारा सबसे ज्यादा जोर टनल की गुणवत्ता को लेकर है. इसे सुनिश्चित करने के लिए हम किसी भी टनल प्रोजेक्ट में 51 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को देने पर विचार कर रहे हैं, ताकि निर्माण कार्य से समझौता न होने पाए. उन्होंने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रा को बेहतर करना होगा. इससे हमारा व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कारोबार दोनों मजबूत होंगे.