हरिणाया कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच कुमारी शैलजा का जन्मदिन खास हो सकता है. मंगलवार को जन्मदिन के मौके पर उनके सम …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
भूपेंद्र हुड्डा के लिए भी ये हैप्पी वाला बर्थडे होगाहरियाणा में 20 फीसदी से ज्यादा दलित वोटर हैखट्टर के बाद अब मायावती ने भी पार्टी छोड़ने की दी सलाह
कुमारी शैलजा को बीजेपी नेता खट्टर ने खुला ऑफर दे रखा है. अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी कांग्रेस पार्टी में दलित नेता के अपमान को मुद्दा बनाया है. उन्होंने अपने एक समय के इस्तीफे का हवाला दे कर कहा है कि सांसद रहते हुए जब अपमान सहना पड़ा तो इस्तीफा दे दिया था. अब कुमारी शैलजा को भी कांग्रेस छोड़ देना चाहिए. इस बीच 24 जनवरी यानी मंगलवार को कांग्रेस नेता शैलजा का जन्म दिन है. उनके समर्थक इस मौके पर दिल्ली में जुट रहे हैं. तो फिर सवाल उठने लगा है कि क्या हैपी बर्थडे के दिन कुछ बड़ा खेल हो सकता है.
मीडिया रिपोर्टों में ये खबर भी आई है कि मंगलवार को कुमारी शैलजा ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक के बाद कोई बड़ा फैसला होने की अटकलें भी लगाई गईं. इस पर न्यूज 18 ने कांग्रेस नेता के सहायक अजय कुमार से बात की. उन्होंने बैठक की बात को सिरे से खारिज कर दिया. अजय कुमार ने कहा -“कल मैडम का बर्थडे है तो समर्थक उन्हें बधाई देने तो आएंगे ही.”
मजबूत बैगग्राउंड की ताकतवर दलित नेता
पांच बार की सांसद कुमारी शैलजा को मलाल है कि दलित समुदाय से होने के बाद भी पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया. हरियाणा में दलित वोटरों की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा बताई जाती है. कुमारी शैलजा के पिता चौधरी दलबीर पंजाब, हरियाणा के एक ताकतवर कांग्रेसी नेता थे. दलबीर सिंह ने अपना पहला चुनाव 1952 में टोहना सीट से जीत ली थी लेकिन निर्धारित से कम उम्र होने के कारण उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी. अगले चुनाव में वे 1957 में हांसी से विधायक बन गए. फिर राज्य में मंत्री बनाए गए. साल 1971 से 77 तक कांग्रेस की केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे. दुबारा जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो 80 से 84 तक केंद्रीय मंत्री रहे.
इस तरह से समझा जा सकता है कि शैलजा के पिता की राजनीतिक पकड़ आजादी के बाद से ही रही. उनके बाद शैलजा ने भी अपनी राजनीक विरासत को अच्छे से आगे बढ़ाया. पांच बार वे सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं. बताया जा रहा है कि इस बार वे उकलाना से विधान सभा चुनाव लड़ कर राज्य की राजनीति में अपनी धमक कायम करना चाहती थी. लेकिन न तो उन्हें टिकट दिया गया और न ही उनके समर्थक अजय चौधरी को ही पार्टी का टिकट दिया गया.
हुड्डा से नाराजगी छुपी नहीं है, खट्टर का ऑफर
राजनीतिक हलकों में साफ तौर पर माना जाता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शैलजा समर्थकों के टिकट काट अपनी राह आसान की. लेकिन अब कुमारी शैलजा की नाराजगी कोई छुपी बात नहीं रह गई है. इसे देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस में दलित की बेटी का अपमान हो रहा है. वे अगर बीजेपी में आना चाहें तो उनका स्वागत है. जानकार सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बात पर भी तैयार है कि अगर वे कांग्रेस छोड़ कर आती हैं तो उन्हें सीएम का ओहदा दिया जा सकता है.
मायावती की समझाइश
इधर मायावती ने भी दलित मुद्दा उठाते हुए कहा कि दलित को अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए. उन्होंने अपने इस्तीफे का हवाला दे कर एक तरह से शैलजा से अपील की है कि वे कांग्रेस छोड़ दें. कांग्रेस नेता और हरियाणा जीतने के लिए मैदान में उतरे रणदीप सिंह हुड्डा ने भी स्थितियों को देखते हुए एक बयान जारी कर कहा है कि कुमारी शैलजा कहीं नहीं जा रही है वे हमारी बहन है. दरअसल, वे भी चुनाव में दलित मतदाताओं की ताकत को अच्छे से समझ रहे हैं.
इस बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सुपुत्र और हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कोण और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्विट करके बताया है कि कुमारी शैलजा नरवाना में 26 सितंबर को जनसभा करेंगी. उन्होंने ये भी लिखा है कि कांग्रेस खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी, जीतेगी और हरियाणा के सपनों को साकार करेगी. सुरजेवाला तो पार्टी पदाधिकारी के तौर पर ये लिख रहे हैं और ये उनका काम भी है. लेकिन हरियाणा कांग्रेस में जो लड़ाई चल रही है वो इतनी ही है या इससे आगे भी इस बारे में अभी तुरंत नहीं कहा जा सकता.