कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस में अब वह शख्स गायब है, जिसके कहने पर डॉक्टर बिटिया का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में क …अधिक पढ़ें
संबंधित खबरें
- कोलकाता कांड में क्यों उलझी CBI, क्या पोस्टमार्टम में छिपा हत्या का राज?
- RG Kar केस: संदीप इन 2 डॉक्टरों से क्या बात कर रहा था? CBI के लपेटे में दोनों
- संदीप घोष के करीबी के गिरेबान तक पहुंची CBI, क्या है उस काली रात की कहानी?
- सुशांत केस जैसा बन गया है आरजी कर मर्डर मामला… TMC सांसद ने सीबीआई को घेरा
कोलकाता के आरजी कर कांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब सीबीआई उस शख्स की तलाश कर रही है, जिसके कहने पर डॉक्टर बिटिया का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किया गया. सूत्रों के मुताबिक, यह शख्स कोई और नहीं, तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और सीपीएम का एक पार्षद है. शुरू से ही इनकी भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं. आरोप है कि इन्हीं लोगों के कहने पर एफआईआर दर्ज कराने में देरी हुई और जल्दबाजी में महिला डॉक्टर का दाह संस्कार कर दिया गया. इनके खिलाफ तमाम शिकायतें आई हैं.
अस्पताल के एक ऑटोप्सी डॉक्टर ने इलाके के पूर्व सीपीएम पार्षद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पानीहाटी नगर पालिका के वार्ड नंबर 34 के पूर्व पार्षद संजीव मुखर्जी पर आरोप है कि उन्होंने उसी दिन पोस्टमार्टम कराने का दबाव डाला. यहां तक कि मोर्चरी में जाकर डॉक्टरों पर भी प्रेशर बनाया. इसी वजह से एक दिन पूर्व सीबीआई ने पोस्टमार्टम करने वाली टीम के एक डॉक्टर अपूर्वा बिस्वास को तलब किया था. उनसे पूछताछ की थी, जानना चाहा था कि आखिर इस शख्स का क्या रोल था. क्या सच में उसने दबाव डाला.
खुद को लेडी डॉक्टर के परिवार का सदस्य बताया
पूछताछ के बाद डॉक्टर अपूर्वा बिस्वास ने मीडिया के सामने दावा किया कि किसी ने खुद को लेडी डॉक्टर के परिवार का सदस्य बताते हुए धमकी दी थी कि उसी दिन पोस्टमार्टम किया जाए नहीं, तो खून की नदियां बह जाएंगी. इस शख्स ने खुद को लेडी डॉक्टर का चाचा बताया था. उन्होंने कहा- ‘वह इलाके का पूर्व पार्षद था या नहीं, यह तो मैं नहीं बता सकता, लेकिन कागजात में कमी की वजह से पोस्टमार्टम में थोड़ी देरी हुई थी.’ शुरू से ही बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी जल्दी और शाम के वक्त पोस्टमार्टम क्यों किया गया? मामला तब और गंंभीर हो गया, जब पोस्टमार्टम करने वाली टीम में शामिल एक डॉक्टर का बयान सामने आया.
घर में ताला डालकर फरार
सीपीएम के एक पूर्व पार्षद संजीव मुखर्जी तक जांच की आंच पहुंची. हालांकि, बाद में संजीव ने इस घटना में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने स्वीकार किया कि घटना के दिन वह मृतक डॉक्टर के माता-पिता के साथ आरजी कर अस्पताल जरूर गए थे. उन्होंने अपने खिलाफ झूठे आरोप लगाने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी है. लेकिन पूर्व सीपीएम पार्षद इसके बाद से लापता हैं. सोमवार सुबह भी वे अपने घर पर नहीं मिले. उनके घर पर ताला लटका हुआ मिला. स्थानीय लोगों का कहना है कि रविवार शाम वह घर से निकले थे, उसके बाद से नहीं लौटे हैं. उनके घर का केयरटेकर भी उनके बारे में नहीं बता पा रहा है.