जम्मू-कश्मीर के पहले चरण के चुनाव के दौरान कुल 59 प्रतिशत वोटिंग हुई. घाटी के लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में बंपर वोटिंग हुई.कश्मीर के लोगों पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों को समझ गए हैं.अब ISI नए तरीके से चुनावों में अड़चन पहुंचाने की साजिश रच रही है.
नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में पहले चरण के दौरान बड़े पैमाने पर हुई वोटिंग को देखते हुए पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है. अब उसे लगने लगा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जम्मू कश्मीर को लेकर उसका किसी भी तरीके से साथ नहीं देगा क्योंकि जिस तरीके से बड़ी संख्या में लोगों ने जनतंत्र के इस पर्व में भाग लिया है उसे देखते हुए साफ तौर पर जाहिर हो गया है कि जम्मू कश्मीर के लोग वहां हो रहे विकास को देखकर बेहद खुश हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियां भी इस दौरान आतंकवादी संगठनों पर लगातार नजर रखे हुए है.
इसी दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी जम्मू कश्मीर में हुए इस भारी मतदान को देखते हुए तत्काल आतंकवादी संगठनों जैश ए मोहम्मद, तहरीक उल मुजाहिदीन अलबदर और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे बड़े आतंकवादी संगठनों के कमांडरों की एक बैठक बुलाई है. आतंकवादी संगठनों के कमांडरों को आईएसआई के कर्नल जुनैद ने इस बैठक में निर्देश जारी किए. इनमें साफ तौर पर कहा गया कि वह सारे काम छोड़कर अपना पूरा ध्यान जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव पर केंद्रित करें और वहां पर बड़ी आतंकी वारदातें करें.
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नई भर्ती की फिराक में जैश
खुफिया दस्तावेज के मुताबिक इस बैठक के दौरान आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा बताया गया कि वह अपने संगठन में नई भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, जिससे इन चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकवादी भेजने के किसी काम में कोई बाधा ना आ सके. आतंकवादी संगठन यह भारती ऑनलाइन तरीके से भी हो रही है. भारतीय युवाओं को गुमराह कर उन्हें गलत कामों के लिए उकसाया जा रहा है.
सेना ने बढ़ाई निगरानी
खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट के बाद सुरक्षा वालों ने जम्मू कश्मीर के अनेक संदेंहास्पद स्थानों की निगरानी शुरू कर दी है. साथ ही विशेष तौर पर जमीन के रास्ते सीमा से आने वाले आतंकवादियों की निगरानी का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. सुरक्षा बल से जुड़े एक आला अधिकारी के मुताबिक इस बाबत सूचना के आधार पर कई जगहों पर छापेमारी भी की जा रही है, जिससे आने वाले चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो सके.