IIM Ahmedabad PhD Reservation: अगर आप भी एसटी (ST), एससी (SC), ओबीसी (OBC) वर्ग से आते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. …अधिक पढ़ें
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IIM Ahmedabad PhD Reservation: अब आईआईएम अहमदाबाद ने पीएचडी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए भी कोटा सिस्टम शुरू किया है, हालांकि अभी इसकी पूरी डिटेल्स आना बाकी है, लेकिन आईआईएम अहमदाबाद की ओर से जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि पीएचडी में एडमिशन (PHD Admissions) के दौरान आरक्षण को लेकर भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा. मतलब आईआईएम अहमदाबाद के पीएचडी कोर्सेज में अब रिजर्वेशन दिया जाएगा.
पहली बार लिया ये फैसला
भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIMA)ने पहली बार पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण सिस्टम की शुरूआत की है. आईआईएम के इस फैसले के बाद देश के अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को अब पीएचडी में एडमिशन लेने में सहूलियत होगी. इसके अलावा विकलांग उम्मीदवारों को भी देश के शीर्ष बिजनेस स्कूल आईआईएम में दाखिला लेने में आसानी होगी. इस नियम के लागू होने के बाद इस वर्ग से आने वाले उम्मीदवार मैनेजमेंट डॉक्टरेट प्रोग्राम (या मैनेजमेंट में फेलो कार्यक्रम) के लिए एलिजिबल होंगे. बता दें कि आईआईएम अहमदाबाद के पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT)देना होता है.
कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
आईआईएम ने यह निर्णय गुजरात हाईकोर्ट की टिप्पणियों के बाद लिया है. दरअसल, ग्लोबल आईआईएम एल्युमनी नेटवर्क (Global IIM Alumni Network) ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी, जिसमें आईआईएम अहमदाबाद के पीएचडी कार्यक्रमों में आरक्षण लागू करने की मांग की गई थी. ग्लोबल आईआईएम एल्युमनी नेटवर्क की याचिका में कहा गया था कि 1971 में शुरू हुए आईआईएमए में पीएचडी कार्यक्रम में आरक्षण नहीं देना संवैधानिक प्रावधानों, केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) या सीईआरए अधिनियम और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानदंडों का उल्लंघन है. जिसके बाद आईआईएम अहमदाबाद की ओर से कहा गया था कि 2025 से आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. अब अगर कोई उम्मीदवार अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी)/विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी)/गैर-क्रीमी अन्य पिछड़ा वर्ग (एनसी-ओबीसी)/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से आता है तो न्यूनतम पात्रता वाली डिग्री के अंकों में उसे 5 फीसदी की छूट दी जाएगी.