Israel Hezbollah War Live: इजरायल ने हिजबुल्लाह के साथ-साथ ईरान की भी कमर तोड़ी है. हसन नसरल्लाह की हत्या करके इजरायल न …अधिक पढ़ें
नई दिल्ली: इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के बीच अब और खलबली मचने वाली है. मिडिल ईस्ट में तबाही के बादल मंडरा रहे हैं. ईरान अब बदले की आग में धधक रहा है. मगर ईरान चाहकर भी इजरायल का बाल भी बांका नहीं कर पाएगा. इसकी वजह है इजरायल के पीछे अमेरिका का खड़ा होना. लेबनान-हिजबुल्लाह संग युद्ध के बीच इजरायल और अमेरिका ने मिलकर मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की तैयारी कर ली है. अमेरिका इजरायल के समर्थन में खुलकर उतर चुका है. अमेरिका ने साफ कह दिया है कि हर हाल में वह इजरायल का समर्थन करता रहेगा. अगर ईरान इजरायल पर हमला करता है तो अमेरिका उसकी हिफाजत करेगा. इसके लिए पूरी अमेरिका ने अपनी सेना और एयरक्राफ्ट कैरियर को पश्चिम एशिया की ओर मोड़ दिया है.
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद ईरान और इजरायल के बीच जंग की आहट सुनाई दे रही है. ईरान अब इजरायल से बदला लेने के मूड में है. मगर अमेरिका के एक ऐलान ने ईरान को सकते में डाल दिया है. अमेरिका ने अपनी सेना को मिडिल ईस्ट में तैनाती के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. जी हां, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य ताकत और बढ़ा दी है. अमेरिका ने इस इलाके में और सैनिक भेज दिए हैं. साथ ही कुछ और सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा है. अमेरिका ने अपना एक एयरक्राफ्ट कैरियर भी इस इलाके में तैनात कर दिया है क्योंकि यहां और जंग भड़कने की आशंका है.
रक्षामंत्री ने क्या आदेश दिया?
अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रविवार को एयरक्राफ्ट करियर यूएसएस अब्राहम लिंकन और उससे जुड़े विध्वंसकों को क्षेत्र में ही बने रहने का आदेश दिया है. एक महीने पहले ही इन्हें प्रशांत क्षेत्र में तैनाती के लिए भेजा गया था, लेकिन फिर इनका रुख मिडिल ईस्ट की ओर कर दिया गया है. यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अपने निर्धारित क्रूज के लिए वर्जीनिया के अपने होम पोर्ट से रवाना हुआ है. इससे इस बात की संभावना है कि गर्मियों के बाद दूसरी बार मिडिल ईस्ट में दो-दो अमेरिकी विमानवाहक पोत यानी एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात होंगे.
अभी और भेजेगा अमेरिका
इतना ही नहीं, पेंटागन ने यह भी ऐलान किया है कि आने वाले दिनों में अमेरिका एडिशनल एयर सपोर्ट भेजेगा और यूएसएस वास्प एम्फीबियस रेडी ग्रुप पूर्वी भूमध्य सागर में ही रहेगा. इस ग्रुप में एम्फीबियस जहाज यूएसएस न्यूयॉर्क और यूएसएस ओक हिल के साथ-साथ हजारों मरीन शामिल हैं, जो जरूरत पड़ने पर लेबनान से नागरिकों को निकालने का काम कर सकते हैं. वास्प, जो तट पर छोटी नावों को लॉन्च कर सकता है, मरीन द्वारा उड़ाए जाने वाले F-35B लड़ाकू विमानों से भी लैस है. यह जरूरत पड़ने पर मिलिट्री प्लानर्स को एक अतिरिक्त हवाई ताकत प्रदान करता है.
अमेरिका के कदम से मची खलबली
अमेरिका का यह कदम ऐसे वक्त में आया है, जब इजरायल पर हमले का खतरा मंडरा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ईरान इजरायल से बदला लेने के लिए हमला कर सकता है. दरअसल, इजराइली फोर्सेस ने लेबनान में शुक्रवार को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया था. इस हमले के बाद से ही मिडिल ईस्ट में बड़ा युद्ध छिड़ने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच जो बाइडन ने हसन नसरल्लाह की हत्या को सही माना है और इजरायल की पीठ थपथपाई है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करेंगे और उनका मानना है कि पश्चिम एशिया में पूर्ण युद्ध से बचा जाना चाहिए.
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