ISI News: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारतीय जेलों में कैद आतंकियों के पास संदेशवाहक के तौर पर नशे के आदी लोगो …अधिक पढ़ें
नई दिल्ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की जेलों में कैद अपने खूंखार आतंकियों तक संदेश पहुंचाने के लिए एक नए तरीके को अंजाम दिया है. आईएसआई ने कथित तौर पर नशे के आदी या मानसिक रूप से पागल लोगों को भारत में घुसपैठ कराकर देश की जेलों में बंद कट्टर आतंकवादियों तक जरूरी संदेश पहुंचाने का काम किया है. अधिकारियों ने बताया कि इस साल जुलाई से अब तक 10 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक अपने देश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारत में घुसे हैं. इनमें से कई को जम्मू, पंजाब और राजस्थान की जेलों में भेजा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि ये लोग आईएसआई के संदेशवाहक हैं. जिन्हें जेल में बंद आतंकवादियों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने का काम सौंपा गया है. इन लोगों से पूछताछ से पता चलता है कि उन्हें सुरक्षाकर्मियों द्वारा पूछताछ का सामना करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. पकड़े गए लोगों के व्यवहार ने अधिकारियों के बीच संदेह पैदा कर दिया है. जो समझते हैं कि उनकी सतही जानकारी और टालमटोल वाले जवाब उनकी घुसपैठ के पीछे संभावित रूप से बड़े एजेंडे का संकेत देते हैं. जो संभवतः उनके संचालकों से होने वाले नतीजों के डर से उपजा है.
आईएसआई की नई चाल
अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल से इलेक्ट्रॉनिक फुटप्रिंट पीछे छूट जाते हैं, जो सीमा पार सक्रिय सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के साजिशकर्ताओं की योजनाओं को उजागर कर सकते हैं. नतीजतन, आईएसआई ने यह नया तरीका अपनाया है. कथित तौर पर घुसपैठ की रणनीति में महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं, जो कूरियर के रूप में भी काम कर सकते हैं. जुलाई में एक उल्लेखनीय घटना में, पाकिस्तान के अटक से एक नाबालिग को पंजाब में रोका गया था. अधिकारियों ने कहा कि तलाशी के दौरान, सुरक्षा कर्मियों को अरबी में लिखा हुआ एक नम कागज मिला, हालांकि यह पढ़ने योग्य नहीं था.
आईएसआई की ड्रग तस्करी
आईएसआई की घुसपैठ की रणनीति को ड्रग तस्करी के संचालन से जोड़ा गया है. राजस्थान के बिजनौर गांव में एक मामले में, मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का दिखावा करने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक ने गहन पूछताछ के दौरान आखिरकार राज उगल दिया. उसने बताया कि उसे पाकिस्तान के दो ड्रग माफिया सरफराज जोहिया और नवाज ने भारत में मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा देने और बीएसएफ के जवानों की तैनाती के बारे में जानकारी जुटाने के लिए काम पर रखा था.