पिता दिहाड़ी मजदूर, कमाते हैं 100 रुपये रोज, बेटा बना लेफ्टिनेंट, दिल को छू लेगी ये कहानी

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Success Story : आईएमए देहरादून में हुए ऑटम सेशन के पासिंग आउट परेड में तमिलनाडु के कबीलन वी भी शामिल थे. एक छोटे से गां …अधिक पढ़ें

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कबीलन वी को लेफ्टिनेंट बनते देखने के लिए उनके पिता वेट्रिसेल्वम भी पहुंचे थे. व्हीलचेयर पर बैठे वेट्रिसेल्वम के लिए यह जीवन के सबसे खूबसूरत और अद्भुत पलों में से एक था. तीन महीने पहले वह स्ट्रोक से पैरालाइज हो गए थे. इसलिए वह बेटे की इस कामयाबी को चुपचाप देखते हुए ही सेलिब्रेट कर सकते थे.

कबीलन के पिता थे दिहाड़ी मजदूर

लेफ्टिनेंट कबीलन वी के पिता वेट्रिसेल्वम दिहाड़ी मजदूरी करते थे. जिसमें उन्हें प्रतिदिन 100 रुपये मिलते थे. लेकिन उनके सपने बड़े थे. उन्होंने बेटे को पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ी. हालांकि कबीलन और उनके पिता, दोनों के लिए यह सब आसान नहीं था. कबीलन की मां पनमैयाम्मल का तीन साल पहले कोविड महामरी में निधन हो गया था. वह कैंसर से पीड़ित भी थीं.

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