Monsoon Tips For Kids: गर्मी की तपिश झेलने के बाद बरसात का मौसम लोगों को बहुत सुहावना लगता है. यह मौसम जितना सुकून भरा होता है, उतना ही जोखिम भरा भी. क्योंकि, बारिश अपने साथ तमाम तरह बीमारियों को लेकर आती है. इस मौसम में सबसे ज्यादा संक्रमण का जोखिम बढ़ता है. इसलिए जितना संभव हो खुद और बच्चों का खास ख्याल रखें. यह मौसम सबसे चेलेंज भरा नए माता-पिता बनने वालों के लिए होता है. ऐसे में नए पेरेंट्स अपने बच्चे का ख्याल कैसे रखें यह सबसे बड़ा सवाल है. आइए राजकीय मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कैलाश सोनी से जानते हैं कि मानसून में छोटे बच्चों को बीमारियों से कैसे बचाकर रखें.
बरसात में बच्चों को ऐसे रखें हेल्दी
भीगने से बचाएं: बारिश के मौसम में बच्चे को भीगने से बचाएं. बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें, लेकिन छाता या रेनकोट साथ ले जाना न भूलें. वहीं, मौसम की नमी से बचने के लिए बच्चों को आरामदायक पूरी तरह सूखे सूती कपड़े और मौसम ठंडा होने पर हल्के मोटे कपड़े पहनाएं.
अगर 20 मिनट भी कर ली मॉर्निंग वॉक तो सेहत को 6 बड़े फायदे!आगे देखें…
गीला डायपर बदलें: बारिश के मौसम में बच्चे का विस्तर और डायपर गीला न रहने दें. क्योंकि, इस मौसम डायपर देर तक गीला रहने से उनकी स्किन पर रैशेज हो सकते हैं. साथ ही इंफेक्शन भी हो सकता है. इसके अलावा, ठंड लगने से वे बीमार भी हो सकते हैं.
सफाई रखें: बरसात के मौसम में बच्चों को हेल्दी रखने के लिए साफ-सफाई पर खास ख्याल रखना चाहिए. इसलिए ध्यान रहे कि बच्चों के खिलौने, दूध की बोतल और उनके संपर्क में आने वाली कोई भी चीज गंदी न हो. इससे उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है.
मच्छरों से बचाएं: बरसात में मच्छरों का आतंक तेजी से बढ़ता है. इससे डेंगू, मलेरिया जैसी तमाम बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए बच्चों को मच्छर के प्रकोप से बचाने के लिए मच्छरदानी या खिड़कियों पर जाली लगाएं. ताकि बच्चे को पूरी तरह सुरक्षित रहे.
ब्रेस्टफीड कराएं: बरसात में बच्चों को होने वाली बीमारियों से लड़ने में इम्युनिटी का बूस्ट होना बेहद जरूरी है. इसके लिए उन्हें ब्रेस्टफीडिंग जरूर कराएं. बता दें कि, मां के दूध से शिशु को एंटीबॉडीज़ मिलती हैं, जिससे इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग होती है और संक्रमण से बचाती है.
रोज नहलाने से बचें: बरसात का मौसम ठंडा होता है इसलिए बच्चों को रोज नहलाने की जरूरत नहीं होती है. हालांकि, आप चाहें तो मानसून सीजन में बच्चे को हफ्ते में 2 से 3 बार नहला सकते हैं. वहीं, यदि बच्चे को बाहर लेकर जाना है, तो उसे गुनगुने पानी से स्नान कराएं तो बेहतर होगा.
बीमारी को अनदेखा न करें: यदि किसी कारण से बच्चे को बुखार, शारीरिक दर्द और छींक आने जैसी दिक्कत है तो अनदेखा न करें. ऐसा करने से वायरल इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसी स्थिति में जितना जल्दी संभव हो डॉक्टर से संपर्क करें.
Tags: Baby Care, Health tips, Lifestyle, Parenting tips
FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 10:51 IST