बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए वैश्विक समर्थन, चुनावी राजनीति से किनारा, RSS की केरल बैठक में क्या-क्या हुआ?

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RSS Kerala Meet: संघ और उसके सहयोगी संगठन सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को याचिकाएं प्रस्तुत करेंगे. साथ ही सताए गए ब …अधिक पढ़ें

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मधुपर्णा दास/पलक्कड़: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अखिल भारतीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन संगठन के समक्ष आने वाली चुनौतियों और आगे की रणनीतियों पर मंथन किया. इस समन्वय बैठक के पहले दो दिनों में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. पहले दो दिनों का मुख्य मुद्दा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC), अन्य संयुक्त राष्ट्र संगठनों और विदेश मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय जैसे सरकारी मंत्रालयों को सताए गए बांग्लादेशी हिंदुओं की सहायता के लिए याचिकाएं रही हैं.

न्यूज18 को मिली जानकारी के अनुसार RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने सभी संबद्ध और प्रेरित संगठनों को बांग्लादेशी हिंदुओं की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार संगठनों सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को याचिकाएं सौंपेंगे, साथ ही हिंदुओं के पक्ष में और अधिक वैश्विक समर्थन जुटाएगा और पड़ोसी देश में समुदाय की सुरक्षा के लिए अंतरिम सरकार पर दबाव डालेगा.

RSS के सूत्रों ने बताया कि संगठनों को हस्ताक्षर अभियान शुरू करने के लिए भी कहा गया है. जबकि प्रज्ञा प्रवाह जैसे कुछ सहयोगी पहले ही एक लाख से अधिक हस्ताक्षर एकत्र कर चुके हैं, और इस तरह के और भी अभियान होंगे. इसके अलावा, RSS के वरिष्ठों ने जाति के आधार पर हिंदुओं को विभाजित करने के लिए ‘संगठित प्रयास’ पर भी चर्चा और विचार-विमर्श किया.

ऐसी ‘विभाजनकारी ताकतें’ हैं जो जाति-आधारित पूर्वाग्रहों को बढ़ावा देती हैं और सभी RSS संगठनों को ऐसे विभाजनकारी अभियानों का मुकाबला करने के तरीके खोजने होंगे. इसमें सभी संबद्ध और प्रेरित समूहों द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी और दलित समुदायों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए संगठनात्मक पहुंच का विस्तार करना शामिल है, इसका उद्देश्य जातिवादी एजेंडों को हराना है, संगठनों को बताया गया.

चुनावी-राजनीतिक चर्चा का अभाव
RSS के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि हाल ही में हुई चर्चाओं में राजनीतिक चर्चा का अभाव था. रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा दिया गया प्रेजेंटेशन संगठनात्मक मामलों पर केंद्रित था, जिसमें चुनावी चर्चाओं के बजाय विस्तृत रिपोर्ट दी गई. न्यूज18 को मिली जानकारी के अनुसार रांची में चुनाव परिणामों पर पहले ही विचार-विमर्श हो चुका था, इसलिए समन्वय बैठक में इस पर चर्चा नहीं की गई.

RSS प्रमुख ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर सभी संगठनों के बीच पूर्ण सामंजस्य बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. इस एकता को उनके प्रयासों की सामूहिक ताकत और प्रभावशीलता के लिए आवश्यक माना जाता है.

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