चीन को घेरने के लिए जापान, फिलीपींस, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, वियतनाम सब साथ आ रहे हैं. साउथ चाइना सी में उसकी दादाग …अधिक पढ़ें
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चीन की दुश्मनी सिर्फ भारत से नहीं, कई देश उसकी हरकतों से परेशान हैं. बीजिंग साउथ चाइना सी के पूरे हिस्से पर दावा ठोकता है. वह सरहदों को मानने से इनकार कर देता है. ताकत के दम पर दूसरे मुल्कों की जमीन हथियाना चाहता है. बात जापान की हो या फिलीपींस, दक्षिण कोरिया की हो या वियतनाम की, मलेशिया और ब्रुनेई…हर जगह उसने टांग अड़ा रखी है. लेकिन अब चीन का हिसाब किताब होगा. क्योंकि ये देश एकजुट हो रहे हैं. चीन को घेरने के लिए जापान, फिलीपींस, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, वियतनाम सब साथ आ रहे हैं. एक दिन पहले फिलीपींस ने चीन को चेतावनी दी. अब जापान के रक्षामंत्री मिनोरू किहारा और विदेश मंत्री कामिकावा योको टू प्लस टू वार्ता के लिए भारत में हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मीटिंग में चीन से निपटने का प्लान तैयार होगा.
जापान और चीन के बीच पूर्वी चीन सागर में मौजूद द्वीपों को लेकर विवाद है. ये द्वीप अभी जापान के कब्जे में हैं, लेकिन चीन इन पर अपना दावा ठोकता है. बार-बार चीनी सेना इस इलाके में पहुंच जाती है, जिसे लेकर तनाव चरम पर है. कुछ ऐसी ही हरकत चीन फिलीपींस में कर रहा है. दो दिन पहले ही दक्षिण चीन सागर में चीन के जहाज ने फिलीपींस के जहाज को टक्कर मार दी. कहा, चीन जंग के लिए उकसा रहा है. हालांकि, चीन का दावा है कि फिलीपींस की सेना ने उसका जहाज डूबो दिया. उसने अंजाम भुगतने की धमकी भी दी है. यह पहली बार नहीं है. कई बार दोनों देशों के बीच इस तरह की झड़प हो चुकी है. फिलीपींस समुद्र में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है. फाइटर जेट्स भी मुकाबले के लिए तैयार हैं.
कभी बात तक नहीं करते थे, अब साथ आए
खतरा इतना बड़ा है कि जो फिलीपींस और जापान कभी बात तक नहीं करते थे, अब हाथ मिला चुके हैं. मिलकर चीन को पटखनी देने का प्लान बना रहे हैं. एक समझौता भी किया है, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे क्षेत्रों में तैनात हो सकेंगी, मुकाबला कर सकेंगी. चीन से मुकाबला करने के लिए जापान अब इस इलाके में फाइटर जेट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. कॉम्बैट पावर बढ़ाने का ऐलान कर चुका है. अब भारत भी इन देशों के साथ आ गया है. जापान के विदेश मंत्री ने कहा, भारत का रणनीतिक महत्व इस समय जितना है उतना पहले कभी नहीं रहा. आइए जानते हैं कि कैसे भारत-जापान मिलकर चीन का बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी कर रहे हैं.
चीन से निपटने का कैसे बन रहा प्लान
1. भारत-जापान टू प्लस टू वार्ता का एजेंडा साफ है. दोनों देश चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे.
2. भारत-जापान मिलिट्री ड्रील में और तेजी लाने की तैयारी कर रहे हैं. इसे और अत्याधुनिक बनाया जाएगा, ज्यादा हथियारों का इस्तेमाल होगा.
3. दोनों देश चाहते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हो. इस इलाके से मुक्त व्यापार हो सके. किसी की दावेदारी न हो.
4. चंद दिनों पहले फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर जापान पहुंचे. वहां चीन को घेरने की रणनीति बनाई गई. तय हुआ कि दोनों देशों की सेनाएं चीन के मंसूबे कामयाब करेंगी.
5. जापान और फिलीपींस कोस्ट गार्ड के लिए अत्याधुनिक सबसे बड़े जहाज बना रहा है, जिसे दक्षिणी चीन सागर में तैनात किया जाएगा. यह चीन को सीधी चुनौती देने जैसा है.
6. जापान इटली और ब्रिटेन के साथ मिलकर एडवांस लड़ाकू जेट विमान तैयार कर रहा है. इन्हें फिलीपींस, मलेशिया को भी देने की तैयारी है, ताकि वे चीन का मुकाबला कर सकें.
7. हाल ही में जापान के कोस्ट गार्ड ने साउथ चाइना सी में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के साथ ज्वाइंट नेवल एक्सरसाइज की है. इसमें लड़ाकू विमान भी उतारे गए थे.
हाल की कुछ घटनाएं, जिनसे तनाव बढ़ा
12 जुलाई: चीन के जहाजों ने ताइवान के बगल में मिलिट्री एक्सरसाइज की. कुछ जापान के तट तक पहुंच गए, जिसे लेकर जापान ने चीन को चेतावनी दी थी. जापान को लगता है कि चीन अटैक करने की तैयारी कर रहा है. चीन ने ताइवान में जासूसी जहाज भी तैनात कर दिया है. जापान लगता है कि अगर चीन ने ताइवान पर अटैक किया तो जापान भी इसके दायरे में आएगा.
4 जून: चीनी कोस्ट गार्ड ने सेकंड थॉमस शोल द्वीप पर तैनात फिलीपीनी नौसैनिकों के लिए गिराए गए फूड पैकेट जब्त कर लिए थे. चीन को डर था कि इसमें कुछ ऐसी चीजें थीं, जिनसे फिलीपींस के नौसेना जहाज में लगाया जाना था.
16 मई: लगभग 100 फिलिपिनो नौसैनिकों फूड पैकेट लेकर जा रहे थे, तभी चीनी कोस्ट गार्ड के जहाज उनके पीछे पड़ गए. रातभर
लकड़ी की नावों पर सवार फिलिपिनो नौसैनिक भटकते रहे. आखिरकार उन्होंने फूड पैकेट नहीं बांटे.
30 अप्रैल: चीनी कोस्ट गार्ड ने स्कारबोरो शोल के पास दो फिलीपीन गश्ती जहाजों पर पानी की बौछारें कीं, ताकि उन्हें डुबोया जा सके. इन जहाजों के इंजन को नुकसान पहुंचाया जा सके.
23 अप्रैल: चीनी कोस्ट गार्ड के जहाज ने सेकंड थॉमस शोल के पास एक फिलीपीन गश्ती जहाज को रोक दिया, जिससे दोनों के बीच लगभग टक्कर हो गई.