Bahraich Bhediya Attack: अमावस की रात भेड़ियों ने फिर किया हमला, 6 साल की मासूम हुई घायल, इलाके में दहशत

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Bahraich Bhediya Attack: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले केमहसी इलाकेमें अमवामस्य की रात एक बार फिर भेड़ियों ने एक मासूम को …अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा हैभेड़िए ने दादी के साथ सो रही 6 साल की मासूम अफसाना पर हमला कर दिया

बहराइच. उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को अमावस की रात भेड़िए और खूंखार हो गए. अमावस की रात 8:00 बजे के बाद से ही भेड़िए के लोकेशन लगातार मिलने लगे, लेकिन वन विभाग की टीम भेड़िए को पकड़ने में नाकाम रही.  हालांकि, प्रशासन पूरे इलाके में लगातार पेट्रोलिंग कर रहा था. फिर भी भेड़िए ने बहराइच जिले के गिरधरपुर पंढवा गांव में 6 साल की मासूम अफसाना पर हमला कर दिया. मासूम अफसाना अपनी दादी के साथ सो रही थी, तभी दबे पांव भेड़िया घर के अंदर दाखिल हुआ और हमला कर दिया. लेकिन दादी की नींद खुल गई और उन्होंने शोर मचा दिया। जिसके बाद भेड़िया वहां से भाग गया.

डॉक्टर के मुताबिक अफसाना की हालत ठीक है. अफसाना का इलाज पास के ही अस्पताल में चल रहा है. बीती रात भेड़िए के हौसले इस कदर बुलंद थे, इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि अफसाना पर हमला करने के बाद उसके घर के ठीक पीछे वाले घर पर भी आदमखोर हमला करने के फिराक में था. लेकिन गांव वाले लगातार पहरेदारी कर रहे थे, जिसकी वजह से आदमखोर भेड़िए को भागना पड़ा.

पहले मैकिपुरवा गांव में किया हमला
बता दें कि सबसे पहले बीती रात मैकिपुरवा गांव में आदमखोर भेड़िया ने दस्तक दी. गांव वालों ने शोर मचाया. वन विभाग की टीम आई और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद मैकिपुरवा गांव से तकरीबन 7 किलोमीटर की दूरी पर गिरधरपुर पंढवा गांव में आदमखोर भेड़िया ने 6 साल की मासूम पर हमला कर दिया.

छोटे लाल जायसवाल के घर चार बार किया हमला
मैकिपुरवा गांव के छोटे लाल जायसवाल के घर पर आदमखोर भेड़िये ने 4 बार हमला किया. एक बार तो आदमखोर भेड़िया छोटेलाल जयसवाल के घर के सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर छत पर पहुंच गया था. घर के मासूम बच्चे छत पर सोते हैं. घर के बड़े बुजुर्ग रात के वक्त सो नहीं रहे थे. छत पर केवल लेते हुए थे. उन्होंने भेड़िए को देख शोर मचाया।  उसके बाद भी भेड़िया भाग नहीं रहा था. शोर मचाने के बाद गांव में पहरेदारी देने वाले लोग पहुंचे और उसके बाद भेड़िया वहां से भाग. छोटेलाल जयसवाल का कहना है कि जो भेड़िया छत के ऊपर आ गया था वह लंगड़ा भेड़िया था.

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