Kolkata Lady Doctor Murder Case: कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर …अधिक पढ़ें
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कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में सीबीआई का शक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर गहराता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, संदीप घोष के बयान में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं. सूत्रों का दावा है कि पूर्व प्रिंसिपल की तरफ से मामले को छिपाने की कोशिश की गई. सूत्रों का दावा है कि इस मामले में CBI को अस्पताल की भूमिका संदिग्ध लग रही है. यही वजह है कि सीबीआई ने लगातार चौथे दिन उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले रविवार देर रात 1 बजे तक उनसे पूछताछ चलती रही.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सवाल किया कि सेमिनार रूम का बगल वाला हिस्सा क्यों टूटा हुआ है? इस पर घोष ने जो जवाब दिया, उससे सीबीआई संतुष्ट नहीं. सीबीआई की पूछताछ में संदीप घोष ने दावा किया कि घटना के बाद गुस्साए छात्र और डॉक्टरों के विरोध को शांत कराने के लिए उस हिस्से में मरम्मत का काम शुरू किया गया. हालांकि सीबीआई अधिकारी संदीप घोष के इस तर्क से नाखुश हैं कि घटना के तुरंत बाद वह हिस्सा क्यों तोड़ दिया गया.
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सूत्रों के मुताबिक, संदीप का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्रों और डॉक्टरों ने मांग की थी कि उन्हें रेस्ट रूम, वॉश रूम और सुरक्षा प्रदान की जाए. ऐसे में उनके गुस्से को शांत कराने के लिए वहां काम शुरू किया गया. संदीप घोष ने पूछताछ में बताया कि कुछ महीने पहले वर्क ऑर्डर आया था और उस दिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात करने के बाद मरम्मत का काम शुरू हुआ.
संदीप घोष से CBI ने मांगे इन सवालों के जवाब
हालांकि सीबीआई संदीप घोष की इन दलीलों को मानने के लिए तैयार नहीं है. वहीं इस घटना के बाद से आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर कुछ बड़े सवाल उठ रहे हैं और सीबीआई की जांच अब इसी पर जाकर टिकी है. सीबीआई ने घोष से पूछा कि आखिर इस मौत को आत्महत्या बताने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारियों ने संदीप घोष से पूछा, ‘आप खुद एक डॉक्टर है. क्या आपको नहीं लगता कि क्राइम सीन को सुरक्षित रखना जरूरी होता है. फिर वहां क्यों और किसने कहने पर रिनोवेशन करवाया.’
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वहीं दूसरा सवाल यह पूछा कि परिवार को जो जानकारी दी वो किसने कहने पर दी और बिना फैक्ट्स के क्यों दी गई. इसके अलावा यह भी पूछा गया कि क्राइम सीन पर सबूतों से छेड़छाड़ एक अपराध है. यह बात अच्छी तरह से पता होने के वाबजूद आपने जांच पूरी होने तक उसे सुरक्षित क्यों नहीं रखा.
सीबीआई इन्हीं सवालों का सच पिछले तीन दिनों से जानना चाहती है और आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल इन्हीं सवालों में फंसते नजर आ रहे हैं और यही वजह है कि सीबीआई शुक्रवार से लेकर अब तक 30 घंटे से ज्यादा उनसे पूछताछ कर चुकी है.