एनसीपी कैंप में शामिल होने के लिए निकलीं कुछ लड़कियों के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे वह काफी डरी हुई हैं. यह घटना ऐसे समय सा …अधिक पढ़ें
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तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एनसीपी कैंप में शामिल होने के लिए निकलीं कुछ लड़कियों के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे वह काफी डरी हुई हैं. यह एनसीसी कैंप ही फर्जी निकला, जहां एक लड़की का यौन उत्पीड़न और 13 अन्य बच्चियों के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. यह घटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के खिलाफ देशभर में आक्रोश और विरोध के बीच सामने आई है. पुलिस ने बताया कि कैंप के आयोजक और स्कूल के प्रिंसिपल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में दो टीचर और एक पत्रकार भी शामिल है. पुलिस ने बताया कि प्राइवेट स्कूल के पास राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की कोई यूनिट नहीं थी और आयोजकों ने मैनेजमेंट से कहा था कि इस तरह के कैंप की मेजबानी करने से उन्हें अर्हता प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
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पुलिस ने कहा कि स्कूल ने कैंप के लिए जिस समूह को चुना था, उसका बैंकग्राउंड तक चेक नहीं कराया. उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में आयोजित तीन दिवसीय शिविर में 17 लड़कियों सहित कुल 41 छात्रों ने भाग लिया था. पुलिस ने इसके साथ ही बताया कि लड़कियों ने आरोप लगाया कि उन्हें एक ऑडिटोरियम से बाहर ले जाया गया, जहां उन्हें रखा गया था और उनके साथ यौन शोषण किया गया. उन्होंने कहा कि कैंप की निगरानी के लिए कोई शिक्षक नहीं था.
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लड़कियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, जबकि जिला बाल कल्याण समिति ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला पुलिस अधीक्षक पी थंगादुरई ने एनडीटीवी को बताया, “स्कूल अधिकारियों को यौन अपराधों की जानकारी थी लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित करने के बजाय मामले को दबाने का फैसला किया. छात्रों को कथित तौर पर इसे गंभीरता से नहीं लेने का निर्देश दिया गया था.”
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई रैकेट तो नहीं है, जो इस तरह के फर्जी कैंप चलाता है और क्या दूसरे स्कूलों में भी ऐसे कैंप आयोजित किए गए हैं. यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.