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CJI DY Chandrachud on NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसने पेपर लीक की चिंताओं के बीच विवादों …अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली: नीट पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया. अब नीट की परीक्षा दोबारा नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही लाखों स्टूडेंट्स का इंतजार भी खत्म हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी मामले पर अपने फैसले में कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. इसलिए नीट की दोबारा परीक्षा कराने की मांग खारिज की जाती है. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई की बेंच ने साफ तौर पर कहा कि अदालत का निष्कर्ष है कि नीट पेपर लीक सिस्टेमेटिकन नहीं है.
एनटीए को सीजेआई की फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक, गलत प्रश्न पत्र के वितरण और भौतिकी के एक प्रश्न के गलत विकल्प के लिए अंक देने के मामले में एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ढुलमुल नीति की आलोचना की. NEET-UG रीटेस्ट कराने की मांग वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को विस्तृत फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हजारीबाग और पटना के अलावा NEET UG 2024 परीक्षा में कोई सिस्टेमेटिक सेंध नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि NTA को बार-बार अपने फैसले नहीं बदलने चाहिए क्योंकि यह केंद्रीय संस्था पर अच्छा नहीं लगता.
कमेटी का सुझाव
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार द्वारा गठित कमेटी को किसी भी गड़बड़ी को “रोकने और उसका पता लगाने” के लिए कदम सुझाने चाहिए. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि NTA के साथ मिलकर कमेटी को एक ऐसा तरीका भी ढूंढना चाहिए, जिससे पेपर बनाने से लेकर उसकी जांच करने तक, हर प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी जा सके. साथ ही, प्रश्न पत्रों के रखरखाव और स्टोरेज आदि की जांच के लिए एक SOP को भी सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए.
हाईकोर्ट जाने की क्यों दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ तो वह हाईकोर्ट जा सकता है. हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टेमेटिक नहीं है. पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए. इस इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. हम NEET की दुबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं.
सीजेआई ने ई-रिक्शा का क्यों किया जिक्र
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि पेपर को खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम के साथ बंद वाहन मे भेजे जाने की व्यवस्था पर विचार किया जाए. साथ ही कमेटी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रमों के लिए योजनाओं की सिफारिश करेगी. छात्रों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव का आकलन भी करेगी. कमेटी एनटीए सदस्यों, परीक्षकों, कर्मचारियों आदि के प्रशिक्षण की व्यवहार्यता पर विचार करेगी ताकि सभी परीक्षा की अखंडता को अच्छी तरह से संभालने के लिए सुसज्जित हों.