पटना. बिहार में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कई नदियां उफान पर है. कोशी, गंडक सहित कई नदियां खतरे के निसान से ऊपर बह रही हैं. सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा भी लिया है और सरकार ने दावा किया है कि वे बाढ़ के लिए पूरी तरह अलर्ट है. बिहार में बाढ़ को लेकर सियासत भी तेज है . विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार दिखावा कर रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को गंडक बराज का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निरीक्षण एवं समीक्षा के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार मॉनिटरिंग करते रहे. निचले इलाकों में जहां पानी बढ़ रहा है. संभावित परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें. जिलाधिकारी सतत निगरानी करते रहें. उन्होंने कहा कि अभियंतागण पूरी तरह अलर्ट रहें और वरीय पदाधिकारी स्थल पर कैंप करते रहें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी विभागों और जिलों को बाढ़ राहत से संबंधित जो निर्देश दिये गये हैं उसका सही तरीके से पालन कराया जाए. उन्होंने कहा कि नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स / फूड पैकेट्स, की पूरी तैयारी रखी जाय ताकि बाढ़ आने पर लोगों को तुरंत राहत पहुंचायी जा सके.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें. आपदा प्रबंधन विभाग ध्यान दें कि क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो. बाढ़ की स्थिति में प्रभावितों को पूरी सहायता उपलब्ध करायी जाय क्योंकि मेरा मानना है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है.
एक ओर तो बाढ़ को लेकर सरकार दावा कर रही है कि लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री से अपील कर रहा हूं कि बाढ़ का निदान निकलने के लिए केंद्र सरकार से बात करें. बाढ़ के कारण हर साल लाखोंलोगों की जिंदगी दाव पर होती है लेकिन ना तो राज्य सरकार और ना ही केंद्र सरकार कोई कार्रवाई करती है.