जयपुर. भजनलाल सरकार की ओर बजट में घोषित किया गया 358 किलोमीटर लंबा अजमेर-बांसवाड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे देश दुनिया में प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी को आदिवासी जिले से जोड़ेगा. यह एक्सप्रेसवे दो ऐसे जिलों को जोड़ेगा जिनकी संस्कृति बिल्कुल अलग-अलग है. इससे अजमेर की किशनगढ़ मार्बल मंडी को व्यापार के लिहाज से बूस्ट अप मिलेगा वहीं आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिला शिक्षा और रेलवे की दृष्टि से अहम अजमेर शहर से जुड़ जाएगा.
आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा अब वह जिला हो गया है जिसे एक साल में दो बड़ी सौगातें मिली है. दक्षिणी राजस्थान में स्थित बांसवाड़ा को गहलोत सरकार ने जाते-जाते जिले से संभाग मुख्यालय बना दिया था. उसके बाद भजनलाल सरकार ने आते ही बांसवाड़ा को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की सौगात दे दी है. इससे बासंवाड़ा के चहुमुखी विकास के रास्ते खुलेंगे.
प्रगतिशील जिले से जुड़ेगा बांसवाड़ा
बांसवाड़ा से अजमेर पहुंचने के लिए लिए फिलहाल दो रास्तों का उपयोग किया जाता है. इनमें पहला बांसावाड़ा से प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा होते हुए अजमेर का रास्ता है. दूसरा रास्ता बांसवाड़ा से उदयपुर, राजसमंद और ब्यावर होते अजमेर आता है. हालांकि बजट में घोषित अन्य ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की तरह इस एक्सप्रेसवे का भी अभी तक कोई लेआउट प्लान सामने नहीं अया है. लेकिन यह जरुर है दो भिन्न संस्कृति वाले जिले सीधे जुड़ने से जहां कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे वहीं अलग-थलग पड़े बांसवाड़ा का एक प्रगतिशील जिले से सीधा जुड़ाव हो जाएगा.
नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे घोषित किए गए हैं
उल्लेखनीय है कि भजनलाल सरकार ने अपने बजट में राजस्थान में 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की परिकल्पना की है. इसमें बांसवाड़ा-अजमेर दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. इनमें सबसे लंबा एक्सप्रेसवे 402 किमी लंबा जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे है. जबकि सबसे छोटा 181 किमी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कोटपूतली-किशनगढ़ है.
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 12:53 IST