Arvind Kejriwal Bail News: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस उज्जवल भुइयां ने शुक्रवार को सीबीआई को खूब फटकार लगाई. अरविंद केज …अधिक पढ़ें
संबंधित खबरें
- ‘भ्रष्टाचारी, कट्टर बेईमान जेल वाला CM, अब बेल वाला सीएम हो गया’- BJP के बोल
- अरविंद केजरीवाल को बेल तो मिली, लेकिन क्यों बट गई सुप्रीम कोर्ट जजों की राय
- कौन हैं अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाले जज? अगले साल बनेंगे CJI
- केजरीवाल को यूं ही नहीं मिली बेल,सिंघवी की दलीलों ने कैसे तोड़ा तिहाड़ का ताला
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति यनी शराब घोटाला केस में जमानत मिल गई. अरविंद केजरीवालको गिरफ्तार करने पर सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और सख्त टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फटकारते हुए कहा कि अब सीबीआई को यह दिखाना होगा कि अब वह ‘पिंजरे का तोता’ नहीं है. सीबीआई के लिए ‘पिंजरे का तोता’ टर्म अक्सर विपक्ष यूज करता रहा है. मगर पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने ही इस टर्म का यूज किया था. यह पहली बार नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ बताया है. आज से ठीक 11 साल पहले भी जब देश में कांग्रेस की सरकार थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ बताया था.
सबसे पहले जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल केस में सीबीआई के लिए ‘पिंजरे में बंद तोता’ टर्म कहां से आया. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी अनुचित थी. उन्होंने सीबीआई की आलोचना की और कहा कि इसे ‘पिंजरे के तोते’ की धारणा को दूर करना चाहिए. जस्टिस भुइयां ने सीबीआई पर सवाल उठाया और कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का मकसद ईडी मामले में उन्हें जमानत मिलने से रोकना था. अपने फैसले में जस्टिस भुइयां ने कहा, ‘लोकतंत्र में धारणा मायने रखती है. इस अदालत ने सीबीआई की तुलना पिंजरे के तोते से की थी. यह जरूरी है कि सीबीआई अपने पिंजरे के तोते होने की धारणा को दूर करे. उसकी धारणा एक खुले तोते की होनी चाहिए.’
सबसे पहले सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद तोता’ किसने कहा?
अब जानते हैं कि सबसे पहले सीबीआई को पिंजरे का तोता किसने कहा था? पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने ही आज से 11 साल पहले सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था. यह बात साल 2013 की है. उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. सुप्रीम कोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की सुनवाई हो रही थी. सीबीआई जांच की स्टेटस रिपोर्ट में सरकार के दखल पर सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त कड़ी नाराजगी जताई थी. साथ ही जांच एजेंसी सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था.
‘CBI तोते का पिजरा’ कहने वाली बेंच में कौन-कौन जज?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘सीबीआई पिंजरे में बंद ऐसा तोता बन गई है, जो अपने मालिक की बोली बोलता है, यह ऐसी अनैतिक कहानी है जिसमें एक तोते के कई मालिक हैं.’ सुप्रीम कोर्ट की उस बेंच के चीफ थे जस्टिस आरएम लोढ़ा. उस वक्त जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ भी शामिल थे. 9 मई 2013 को तीनों जजों की बेंच ने ही सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था. खुद सीबीआई के चीफ रहे रंजीत सिन्हा ने भी माना था कि सीबीआई सच में पिंजरे का तोता बन चुकी है. ठीक 11 साल बाद आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सीबीआई को याद दिलाया कि वह पिंजरे का तोता है. अगर वह नहीं है तो इस धारणा को तोड़े.
177 दिन बाद खुली हवा में सांस लेंगे केजरीवाल
बहरहाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत मिलने के बाद आज ही जेल से बाहर आएंगे. वह करीब 177 दिनों के बाद खुली हवा में सांस लेंगे. दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई केस में 26 जून 2024 को अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए थे. वहीं, ईडी केस में वह 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार हुए थे. ईडी केस में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. वहीं, सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी. इसी मामले में मनीष सिसोदिया को भी बीते दिनों जमानत मिली थी.