आखिर किन-किन शर्तों पर अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, क्या-क्या नहीं कर सकते हैं

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ में बंद अरविंद …अधिक पढ़ें

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नई दिल्ली. शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी कि शुक्रवार को 177 के दिन के बाद उनको जेल से बाहर निकलने का रास्ता कर दिया है. हालांकि 5 अगस्त को केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन आज शीर्ष कोर्ट ने उनको सीबीआई मामले में भी जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 लाख के बांड भरने के साथ ही उनके जमानत के लिए अलग-अलग शर्तें भी रखी हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने जो शर्ते रखीं हैं वह इस प्रकार है-

  • केजरीवाल बिना एलजी (दिल्ली के उपराज्यपाल) सहमति के बिना मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते.
  • एलजी के बिना सहमति के किसी सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते.
  • केजरीवाल पब्लिक मंच से इस मामले में बयान नहीं दे सकते हैं.
  • वह इस केस से संबंधित किसी गवाह से न संपर्क करेंगे न ही कोई बात करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार की सुबह अरविंद केजरीवाल मामले पर सुनवाई हुई. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले पर कंमेंट करते हुए कहा, ‘तत्काल भविष्य में मुकदमे के पूरा होने की संभावना नहीं है’. वहीं, जस्टिस भुइयां केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा, ‘ईडी मामले में रिहाई के समय केजरीवाल को गिरफ्तार करने की सीबीआई की जल्दबाजी समझ से परे, जबकि 22 महीने तक उसने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया.’

पहले के फैसले को माना गया आधार
शराब नीति मामले से जुड़ी तीन अन्य हाई-प्रोफाइल जमानत सुनवाई में दिए गए फैसले को आधार माना गया. इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और तेलंगाना की बीआरएस पार्टी और पूर्व सीएम केसीआर राव की बेटी के. कविता की जमानत दिया गया था. जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘पीएमएलए मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में भी जमानत नियम है और जेल अपवाद है.’

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