कपिल सिब्बल अब ममता बनर्जी के लिए किस केस में हुए पेश? भरी अदालत में दी ऐसी दलील, CJI चंद्रचूड़ हो गए राजी

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Kapil Sibal CJI Chandrachud News: कपिल सिब्बल मंगलवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की एक और याचिका लेकर पेश हुए …अधिक पढ़ें

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को वकील कपिल सिब्बल पर खूब ज्यादा भरोसा है और शायद यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में कई केसों की पैरवी के लिए बंगाल सरकार ने उन्हें ही जिम्मा दिया है. सिब्बल अभी कुछ दिन पहले ही आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में ममता सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे, वहीं अब उन्होंने पश्चिम बंगाल में 77 समुदायों को ओबीसी में शामिल करने की याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सामने गुहार लगाई है.

कपिल सिब्बल ने इन 77 समुदायों को ओबीसी में शामिल करने के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई चंद्रचूड़ के समक्ष मेंशन कर जल्द सुनवाई की मांग की. उन्होंने सीजेआई से कहा कि केस कई बार लिस्ट होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो पा रही है. सिब्बल की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जल्द सुनवाई का भरोसा दे दिया.

दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 मई को दिए आदेश में पश्चिम बंगाल में वर्ष 2010 के बाद से जारी किए गए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सभी सर्टिफिकेट रद्द कर दिए थे. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य में जारी किए पांच लाख से ज्यादा ओबीसी प्रमाणपत्र अमान्य हो गए और उनका उपयोग नौकरियों में आरक्षण मांगने के लिए नहीं किया जा सकता.

हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से आरक्षण देने के आधार से जुड़ी जानकारी देने को कहा था.

पश्चिम बंगाल में जिन 77 समुदायों को ओबीसी का दर्जा दिया गया था, उसमें अधिकतर मुस्लिम हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से वह रिकॉर्ड तलब किया है, जिसके आधार पर ओबीसी का दर्जा दिया गया था.

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