Supreme Order : अगर आपके दोस्त ने मजाक में ही सही कोई ऐसा लिंक आपको भेज दिया, जो चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ा है तो ज …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धारा 15 में संशोधन किया है.अब चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े मामले और सख्त हो गए हैं.गलती से भी क्लिक करने पर सजा का प्रावधान बनाया है.
नई दिल्ली. आप भी मोबाइल पर ऐसी-वैसी चीजें देखते हैं तो अब बिलकुल सतर्क हो जाइये. सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के लिए बेहद सख्त कानून बना दिए हैं. अगर आपका कोई जानने वाला भी चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ा कोई वीडियो या लिंक भेजता है तो भी आपको सावधान हो जाना चाहिए. आपके दोस्त की यह हरकत जेल की हवा खिला सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि किसी भी तरह की चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके आरोपी को 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना पॉक्सो एक्ट के तहत आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है. कोई व्यक्ति चाहे ऑनलाइन इसे देख रहा है या फिर वीडियो सेव करके देखता है और इससे जुड़े किसी लिंक पर क्लिक करके ओपन करता है, इन सभी परिस्थितियों में यह अपराध ही माना जाएगा. कोई व्यक्ति चाहे चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखता है, डिस्ट्रीब्यूट करता है अथवा डिस्प्ले करता है, उसे पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधी ही माना जाएगा.
मोबाइल में सेव किया वीडियो तो…
अगर किसी व्यक्ति के मोबाइल में इस तरह का कोई वीडियो सेव पाया जाता है, तो भी उसे पॉक्सो एक्ट की धारा 15 के तहत दोषी ही माना जाएगा. भले ही वह उसे देखता हो अथवा नहीं. इस तरह के कृत्य को जानबूझकर किया गया अपराध माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बचने का है एक ही तरीका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल, लैपटॉप अथवा किसी भी डिवाइस पर आए किसी ऐसे लिंक पर क्लिक किया है, भले ही उसका मकसद इस तरह के वीडियो देखना न हो. तब भी उसे धारा 15 के तहत दोषी माना जाएगा. ऐसे में बचने का एक ही तरीका है कि जैसे ही आपको यह पता चले कि किसी लिंक पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट है, आप तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें और लिंक भेजने वाले के खिलाफ धारा 15 के तहत मुकदमा दर्ज कराएं, भले ही वह आपका दोस्त या रिश्तेदार ही क्यों न हो.
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संसद में जल्द बनेगा कानून
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को निर्देशित किया है कि जल्द संसद में पॉक्सो कानून के तहत धारा 15 में जरूरी बदलावो के साथ कानून बनाए. इसमें चाइल्ड पॉर्नोग्रोफी को लेकर दिए गए आदेश का पालन हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे किसी भी कृत्य में किसी भी तरह से इनवॉल्व होने वाले आरोपी को कम से कम 3 साल की सजा जरूर मिले, जिसे बढ़ाकर 7 साल किया जा सकता है.