पीयूष गोयल की बात सुन बौखलाया चीन, भारत के खिलाफ ग्लोबल टाइम्स ने उगला जहर, ड्रैगन का घमंड तो देखिए

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China Global Times On India: भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के एक बयान से चीन भड़क गया. गोयल ने अमेरिकी टैरिफ को ‘सुनहरा मौका’ बताया, जिससे ग्लोबल टाइम्स ने भारत को ‘अवसरवादी’ कहा. चीन जहां गुस्सा निकाल रहा …और पढ़ें

पीयूष गोयल की बात सुन बौखलाया चीन, भारत के खिलाफ ग्लोबल टाइम्स ने उगला जहर

हाइलाइट्स

  • पीयूष गोयल के बयान से चीन नाराज
  • ग्लोबल टाइम्स ने भारत को ‘अवसरवादी’ कहा
  • भारत शांति से अपने फायदे की रणनीति पर चल रहा है

बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ ट्रेड वार शुरू कर दी है. वही चीन, जिसे लगता है कि पूरी दुनिया उसी के इर्द-गिर्द ही घूमती है. ऐसा सोचने वाले बीजिंग के हुक्मरानों को भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का एक बयान रास नहीं आया. गोयल ने अमेरिका-चीन की टैरिफ जंग को भारत के लिए ‘सुनहरा मौका’ बताया, तो चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स तिलमिला उठा. उसने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया, मानो भारत ने उसका तख्ता पलट दिया हो! चीनी एक्सपर्ट्स भारत और अमेरिका के खिलाफ बयान देने से पीछे नहीं हट रहे. लेकिन सवाल यह है कि आखिर वाणिज्य मंत्री ने ऐसा क्या कह दिया कि चीन हड़बड़ा गया?

सोमवार को मुंबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में पीयूष गोयल ने कहा, ‘दुनिया टैरिफ जंग से जूझ रही है, लेकिन यह भारत के लिए मौका है. हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं. वैश्विक व्यापार में बदलाव भारत को फायदा पहुंचाएंगे. हम इस मौके को भुनाने के लिए तैयार हैं.’ लेकिन बात यहीं नहीं रुकी. मुंबई में बोलते हुए उन्होंने 25 साल पुरानी एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज की वैश्विक उथल-पुथल की शुरुआत 2000 में हुई, जब चीन को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शामिल किया गया.’ यही बात चीन को नागवार गुजरी है. लेकिन गोयल का यह बयान न सिर्फ भारत की मजबूत स्थिति दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत किसी दबाव में झुकने वाला नहीं. इसके अलावा यह इस बात का संकेत है कि चीन भारत के नेताओं के बयानों पर कितनी बारीकी से नजर रखता है.

क्या बोला चीन का भोंपू
चीन का ग्लोबल टाइम्स गोयल के बयान से तमतमा उठा उसने भारत को ‘अवसरवादी’ ठहराया. चीनी एक्सपर्ट्स ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘भारत चीन पर इल्जाम लगातार अमेरिका से छूट लेने में लगा है. गोयल का बयान दिखाता है कि अमेरिका-चीन से भारत फायदा पाने में लगा है.’ सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लॉन्ग शिंगचुन ने कहा-

‘गोयल का बयान दिखाता है कि भारत ट्रंप प्रशासन से रियायतें लेने की कोशिश में है. लेकिन अमेरिका भारत को और दबाएगा.’

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वहीं, त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शी चाओ ने तंज कसा, ‘भारत बस अमेरिका की हां में हां मिलाकर उसका भरोसा जीतना चाहता है, ताकि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में फायदा उठा सके.’ लेकिन चीनी एक्सपर्ट्स भारत के खिलाफ इसलिए बयान दे रहे हैं, क्योंकि बीजिंग ने अमेरिका से सीधे लड़ाई शुरू कर दी है. वहीं, भारत डिप्लोमैटिक तरीके से चल रहा है.

ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि भारत ट्रेड वार में चीन की जगह नहीं ले सकता, क्योंकि उसकी उत्पादन क्षमता कमजोर है और वह चीन के सप्लाई चेन पर निर्भर है. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में चीन यह भूल गया कि हर देश एक दूसरे पर निर्भर हैं. चीन के भोंपू का यह बयान सिर्फ बीजिंग का घमंड दिखाता है. चीन को लगता है कि पूरी दुनिया उसके बिना नहीं चल सकती, जबकि ऐसा नहीं है.

‘हम 5,000 साल से हैं, हमें कोई हरा नहीं सकता!’
चीन की यह हड़बड़ाहट नई नहीं है. जब भी वह दबाव में आता है, उसका अहंकार बोलने लगता है. बीजिंग के सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के विक्टर गाओ ने हाल ही में एक बातचीत में अमेरिका को ललकारा. उन्होंने कहा, ‘चीन 5,000 साल से है. उस वक्त अमेरिका था ही नहीं. अगर अमेरिका हमें धमकाएगा, तो हम बिना उसके भी जिंदा रहेंगे. अगले 5,000 साल तक रहेंगे!’ गाओ ने दावा किया कि अमेरिका की टैरिफ जंग से दुनिया का बाजार बर्बाद हो रहा है, लेकिन चीन को कोई फर्क नहीं पड़ता.

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यह वही घमंड है, जो ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत पर भी निकाला जा रहा है. चीन को लगता है कि वह दुनिया का सिरमौर है, और भारत जैसे देश उसकी छाया में ही रह सकते हैं. लेकिन वाणिज्य मंत्री का बयान दिखाता है कि भारत अब इस भ्रम को तोड़ने को तैयार है.

भारत का साथ चाहता है चीन
ग्लोबल टाइम्स जहां भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है तो वहीं दूसरी ओर चीन टैरिफ से लड़ने में भारत की मदद मांग रहा है. चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने X पर लिखा, ‘अमेरिका का टैरिफ दुरुपयोग विकासशील देशों का हक छीन रहा है. भारत और चीन को मिलकर इसका मुकाबला करना चाहिए.’ लेकिन भारत चीन और अमेरिका की लड़ाई से दूर है.

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