Ford India Comeback : 3 साल पहले भारत छोड़कर जाने वाली अमेरिकी कंपनी फोर्ड ने मेक इन इंडिया अभियान का फायदा उठाने के लि …अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली. करीब 3 साल पहले भारत से अपना कारोबार समेटकर जाने का ऐलान कर चुकी अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड (Ford) ने भी ‘मेक इन इंडिया’ का लोहा मान लिया है. कंपनी ने एक बार फिर भारत में वापसी करने का ऐलान कर दिया है और तमिलनाडु स्थित अपने प्लांट में फिर से कार बनाने का काम शुरू करने वाली है. कंपनी ने इस बारे में सरकार को भी पत्र लिखकर सूचित कर दिया है.
अमेरिकी वाहन विनिर्माता कंपनी फोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि वह सिर्फ भारत से निर्यात के लिए वाहन बनाने का काम शुरू करेगी. इसके लिए कंपनी ने चेन्नई विनिर्माण संयंत्र का उपयोग करने की तैयारी भी शुरू कर दी है. कंपनी ने बताया कि उसने इस बाबत तमिलनाडु सरकार को सूचना भी दे दी है. इसका मतलब है कि जल्द ही इस प्लांट में दोबारा वाहन बनना शुरू हो जाएगा.
कब गई थी वापस
कंपनी ने 2021 में कहा था कि वह भारत में वाहनों का विनिर्माण बंद कर देगी, लेकिन अब उसने तमिलनाडु सरकार को एक आशय पत्र (एलओआई) दिया है. इसमें निर्यात के लिए विनिर्माण हेतु चेन्नई संयंत्र का उपयोग करने के इरादे की पुष्टि की गई है. फोर्ड ने बयान में कहा कि यह घोषणा फोर्ड नेतृत्व और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान हुई बैठक के बाद की गई है.
क्या बोली है कंपनी
फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट ग्रुप के अध्यक्ष के हार्ट ने कहा, ‘इस कदम का उद्देश्य भारत के प्रति हमारी पर्यावरण अनुकूल प्रतिबद्धता दिखाना है, क्योंकि हम नए वैश्विक बाजारों की सेवा के लिए तमिलनाडु में उपलब्ध विनिर्माण विशेषज्ञता का लाभ उठाने का इरादा रखते हैं.’ फोर्ड ने कहा कि इस रणनीतिक कदम के तहत कंपनी की महत्वाकांक्षी ‘फोर्ड+ विकास योजना’ के जरिये वैश्विक बाजारों में निर्यात के लिए विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है.
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3 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
कंपनी ने कहा है कि विनिर्माण के प्रकार और अन्य विवरणों के बारे में आगे की जानकारी का खुलासा उचित समय पर किया जाएगा. हालिया घोषणा भारत को अपने वैश्विक परिचालन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देखने की कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. कंपनी ने कहा कि वर्तमान में तमिलनाडु में वैश्विक व्यापार परिचालन में 12,000 लोग कार्यरत हैं. अगले तीन वर्षों में यह संख्या 2,500 से 3,000 तक बढ़ने की उम्मीद है. भारत में फोर्ड के दूसरे सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारी रहते हैं.