Jaipur News : केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है. राजस्थान में यह यो …अधिक पढ़ें
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जयपुर. केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ाकर करोड़ों बुजुर्गों को राहत प्रदान की है. राजस्थान के बुजुर्गों को भी इसका बड़ा फायदा मिलने वाला है. राजस्थान में पूर्व में अशोक गहलोत सरकार ने इस योजना को आंशिक नाम बदलकर चलाया था. फिर उसमें लाभार्थियों की संख्या और योजना की राशि में बढ़ोतरी कर दी थी. लेकिन बाद में योजना का पूरा नाम ही बदल दिया गया था.
योजना के नाम और प्रावधानों में बार-बार हुए बदलाव से राजस्थान में आमजन कन्फ्यूज रहा. 2023 में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी की भजनलाल सरकार ने फिर से इसका स्वरूप बदलकर इसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया है. अब इसमें आयुष्मान योजना के ही प्रावधानों को प्रभावी रखा गया है. मूल योजना के प्रावधानों से इतर राजस्थान में पात्र लोगों के अलावा प्रदेश का कोई भी वाशिंदा मात्र 850 रुपये का अशंदान देकर इसका लाभ उठा सकता है.
गहलोत सरकार ने कर दिए थे कई बदलाव
दरअसल केन्द्र की पीएम मोदी की आयुष्मान योजना में 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पात्र लोगों को लाभ दिया जा रहा था. इसमें पांच लाख रुपये तक के फ्री इलाज की सुविधा मिलती है. लेकिन राजस्थान में 2018 में सत्ता में आई गहलोत सरकार ने केन्द्र सरकार की इस योजना और सूबे में बीजेपी की पूर्वतर्वी वसुंधरा राजे सरकार की भामाशाह योजना को मर्ज कर इसका नाम ‘आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना’ कर लागू किया था. बाद में इस योजना में और भी कई बड़े बदलाव किए गए. योजनाओं का नाम बदले जाने पर बीजेपी और कांग्रेस में जमकर राजनीतिक घमासान मचा था.
योजना का नाम ही पूरी तरह से बदल दिया गया
बाद में गहलोत सरकार ने आयुष्मान का योजना के प्रावधानों को लागू रखते हुए सूबे की जनता के लिए अपनी तरफ से कई प्रावधान जोड़े. इसमें आयुष्मान योजना के पात्र लोगों के अलावा अन्य लोगों को साढ़े आठ सौ रुपये का प्रतिवर्ष प्रीमियम जमा करवाकर शामिल करना अहम रहा. यानी योजना में निशुल्क इलाज के लिए पात्र लोगों के अलावा प्रदेश का कोई भी परिवार साढ़े आठ सौ रुपये प्रतिवर्ष का प्रीमियम चुकाकर योजना में भागीदार बन सकता था. गहलोत सरकार ने समय-समय पर इस योजना की राशि में बढ़ोतरी करती रही. बाद में गहलोत सरकार ने इस योजना का नाम पूरी तरह से बदलकर ‘मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना’ कर दिया था. इस पर भी काफी बवाल मचा था.
भजनलाल सरकार फिर लाई मूल स्वरूप में
साल 2023 में फिर से सत्ता में लौटी बीजेपी सरकार ने आते ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना’ कर दिया है. लेकिन उसके प्रावधानों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है. इस योजना में पूर्व सीएम अशोक गहलोत की ओर से की गई घोषणाओं पर चुप्पी साध रखी है. बहरहाल अब योजना के तहत आयुष्मान योजना के ही लाभ दिए जा रहे हैं.