Biggest Theft in UP : क्या आपको पता है कि यूपी में सबसे बड़ी चोरी कब और कहां हुई थी. इससे भी बड़ी बात ये है कि पुलिस न …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
यूपी के ग्रेटर नोएडा में प्रदेश की सबसे बड़ी चोरी हुई थी.इसमें 36 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये कैश चोरी हुए थे.पुलिस ने 17 किलो सोना बरामद किया पर दावेदार नहीं मिले.
नई दिल्ली. चोरी की घटनाएं तो अक्सर होती रहती हैं, लेकिन कुछ ऐसी वारदात हो जाती है जो सुनने और देखने वालों को आश्चर्य से भर देती है. ऐसा ही एक मामला यूपी में भी सामने आया था. इसे उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी चोरी बताया जाता है. लेकिन, कमाल की बात ये है कि न तो इस मामले में किसी ने रिपोर्ट लिखाई और न ही पुलिस आज तक इसका खुलासा कर सकी है. मजे की बात ये है कि पुलिस ने चोरी हुआ आधा सोना और लाखों रुपये बरामद भी कर लिए. बावजूद इसके कोई भी इन संपत्तियों पर दावा करने नहीं आया.
यह मामला ग्रेटर नोएडा स्थित सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी के फ्लैट नंबर 301 का है. यहां चोरों ने अगस्त, 2020 में 36 किलोग्राम सोना और 6 करोड़ रुपये नकद चुरा लिए थे. पुलिस ने तफ्तीश की तो 10 महीने बाद चोरों तक पहुंची और 17 किलो सोना व 57 लाख रुपये बरामद भी कर लिए. लेकिन, हैरानी इस बात की हुई कि न तो किसी ने चोरी का मामला दर्ज कराया और न ही बरामद किए माल पर दावा ठोकने पहुंचा. पुलिस की ओर से दाखिल चार्ज शीट में भी माल के मालिक का नाम नहीं है.
दावे से कर रहे इनकार
पुलिस का कहना है कि मामले में 10 आरोपी शामिल थे. इसमें से कई लोगों को गिरफ्तार कर 3 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. पहले बताया गया कि यह माल किशलय पांडेय और राम मूर्ति पांडेय का है, लेकिन दोनों ने इसे लेने से इनकार कर दिया. पुलिस मानना है कि यह पूरी तरह से कालाधन है और इसका कोई भी दावेदार सामने नहीं आ रहा है.
ईडी और इनकम टैक्स विभाग को दिलचस्पी नहीं
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए आयकर विभाग और ईडी को भी पत्र लिखा था. लेकिन, दोनों ही एजेंसियों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. लिहाजा कालेधन की यह पहेली आज भी उलझी हुई है. सवाल यही है कि आखिर करोड़ों की नकदी और सोने की ईंट छुपाकर रखी थी. पुलिस को यह भी शक है कि यह माल किसी रैकेट का हिस्सा भी हो सकता है.
दिल्ली के नजदीक कहां है सबसे बड़ी सड़क सुरंगआगे देखें…
क्या होगा करोड़ों के सामान का
मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है. जब तक कोर्ट में मामला है, तब तक यह कोषागार में सुरक्षित रहेगा और बाद में कोर्ट के फैसले के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी. वैसे इस तरह के मामले में जिस संपत्ति का कोई दावेदार नहीं होता, उसे सरकार के पास जमा करा दिया जाता है.