आज हिंदी दिवस है. हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा साल 1949 में मिला, लेकिन आज 75 साल बाद हिंदी का इंग्लिशकरण हो चुका है. …अधिक पढ़ें
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‘नमस्ते aunty जी, आपकी dress तो बहुत अच्छी है’, ‘sorry मैं भूल गई’, ‘You are going ना’, ‘मैं तो एकदम First class हूं’, ‘आपकी Problem क्या है’… इस तरह के वाक्य हम हर रोज सुनते और बोलते हैं. लेकिन जब किसी सरकारी कागज पर हमसे मातृभाषा पूछी जाती है तो हम हिंदी लिखते हैं. जरा गौर करें, क्या वाकई हम हिंदी बोलते हैं? अगर हम मात्र 5 मिनट में बोले गए वाक्यों पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि उसमें से आधे शब्द तो अंग्रेजी के हैं यानी हम हिंदी नहीं हिंग्लिश बोल रहे हैं. आज 14 सितंबर है यानी राष्ट्रीय हिंदी दिवस सेलिब्रेट करने का दिन. परिवर्तन संसार का नियम है और समय के साथ हिंदी भी बदल चुकी है.
हिंग्लिश बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ी
भारत में 65 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं और 13 करोड़ लोग इंग्लिश, लेकिन जब से सोशल मीडिया आया तो जनरेशन एल्फा ( 2010-2024 में जन्मे बच्चे), जेन जी (1997 – 2012 में जन्मे लोग) और मिलेनियल्स (1981-1996 में जन्मे लोग) की हिंदी हिंग्लिश बन गई. हमारे देश में 52% युवा हिंग्लिश बोलते हैं. हिंग्लिश का मतलब है हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों का हाइब्रिड वर्जन. आईआईटी दिल्ली ने सोशल मीडिया पर एक स्टडी हुई. इसमें पाया गया कि सोशल मीडिया पर हिंग्लिश के इस्तेमाल से ज्यादा यूजर इंगेज होते हैं. इस भाषा से सोशल इंगेजमेंट बढ़ता है तो फॉलोअर्स भी बढ़ते हैं. स्टडी के अनुसार सोशल मीडिया पर 2014 से 2022 तक हिंग्लिश बोलने वाले यूजर हर साल 1.2% की दर से बढ़े. वहीं X सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर सालाना यह बढ़त 2% की रही.
बॉलीवुड ने बदली नई पीढ़ी की भाषा
आईआईटी दिल्ली की’सोशल, इकोनॉमिक्स एंड डेमोग्राफिक फैक्टर्स डिराइव इमरजेंस ऑफ हिंग्लिश कोड मिक्सिंग ऑन सोशल मीडिया’ नाम की स्टडी में कहा गया कि युवाओं की भाषा को बॉलीवुड ने प्रभावित किया है. बॉलीवुड में हिंग्लिश का कल्चर बहुत तेजी से बढ़ा. फिल्म ‘कपूर एंड संस’ का गाना ‘जस्ट नाचो’ हो या ‘लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल’, फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ का गाना ‘शो मी द ठुमका’ हो या फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ का गीत हो ‘वॉट झुमका’, लगभग हर बॉलीवुड के गाने में हिंदी और इंग्लिश के शब्दों का फ्यूजन सुनने को मिल जाता है. यही नहीं, फिल्म के नाम भी हिंग्लिश में बने जैसे गैंग्स ऑफ वासेपुर, जब वी मेट, लव आजकल, मेरे ब्रदर की दुल्हनिया, तेरे नाल लव हो गया.
दुनिया में 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है. (Image-Canva)
1990 में शुरू हुआ ट्रेंड
आज हर सोशल मीडिया पर हिंग्लिश का बोलबाला है. भारत में 2004 में ऑर्कुट से सोशल मीडिया की शुरुआत हुई लेकिन हिंग्लिश 1990 से ही कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा बनने लगी थी. दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. सरोज गुप्ता कहती हैं कि उस समय एक नामी कोल्ड ड्रिंक के विज्ञापन में टैगलाइन सुनने को मिली ‘ये दिल मांगे मोर’. इसके बाद एक और टैग लाइन पॉपुलर हो गई ‘यही है राइट चॉइस बेबी’. आजकल हर विज्ञापन में हिंग्लिश ही सुनने को मिलती है. जैसे एक शैंपू के ऐड में प्रियंका चोपड़ा कहती हैं कि ‘कम ऑन गर्ल्स, वक्त है शाइन करने का’. वहीं एक नामी टूथपेस्ट कंपनी के ऐड में बच्ची कहती है- दांत स्ट्रॉन्ग तो मैं स्ट्रॉन्ग.
मोबाइल कीपैड पर हिंग्लिश
यह हिंग्लिश का ही जादू है जिससे अब मोबाइल का कीपैड भी अछूता नहीं रहा. आईफोन हो या एंड्रॉइड फोन हर मोबाइल के कीबोर्ड पर हिंग्लिश कीपैड का ऑप्शन मिलता है. गूगल प्लेस्टोर पर भी हिंग्लिश कीबोर्ड ऐप डाउनलोड करने का विकल्प है. इन कीपैड से भले ही रोमन में टाइपिंग हो लेकिन स्क्रीन पर हिंदी के शब्द आ जाते हैं.
इसलिए मनाया जाता है हिंदी दिवस
भारत जैसे देश में हिंदी भाषी हमेशा से ज्यादा रहे हैं लेकिन इस भाषा का अस्तित्व हमेशा खतरे में ही रहा. 1918 में हिंदी के विद्वानों ने बढ़ती अंग्रेजी के माहौल में हिंदी का बढ़ावा देने के लिए हिंदी साहित्य सम्मेलन का गठन किया. इसी सम्मेलन ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृति दिलवाने के लिए हर तरह से कोशिश की. 14 सितंबर 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा बना दिया गया लेकिन 14 सितंबर 1953 को पहली बार राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया गया.
हिंग्लिश यंग जनरेशन की कूल भाषा बन गई है. (Image-Canva)
अंग्रेजों ने की इस कॉकटेल की शुरुआत!
सोशल मीडिया पर हैशटैग के साथ पजामा पार्टी, जंगल सफारी, मेहंदी नाइट जैसे शब्द खूब देखने को मिलते हैं. पजामा हिंदी का शब्द है जो अंग्रेजी की पार्टी के साथ जा मिला. वहीं, हिंदी के जंगल का मिलन अंग्रेजी की सफारी से हो गया, इसी तरह मेहंदी भी इंग्लिश के शब्द नाइट से जुड़ गई. इसी अजीबों-गरीब शब्दों के गठजोड़ में जुड़ गया अंकल जी-आंटी जी, अंकल-आंटी इंग्लिश के शब्द रहे हैं लेकिन जी हिंदी में बड़ों को सम्मान देने के लिए लगाया जाता है. दरअसल शब्दों के इस कॉकटेल की शुरुआत ब्रिटिश इंडिया से ही हो गई थी. अंग्रेज हिंदी नहीं बोल पाते थे और भारतीय इंग्लिश. ऐसे में अंग्रेजों ने थोड़ी हिंदी बोलनी शुरू की और उसमें अंग्रेजी के शब्द जोड़ दिए.
हिंदी में अंग्रेजी शब्दों का मिलन
हिंदी में ऐसे कई इंग्लिश शब्द जुड़ गए हैं जो हमारी भाषा का हिस्सा बन गए. उनमें से कुछ शब्द हैं-बस, ट्रेन, टाइम, कॉल, फोन, जूस, एयरपोर्ट, बेड, सैंडविच, ब्रेड, इंटरनेट, बाथरूम, कूलर, टीबी, हैंडराइटिंग, स्टेशन, कॉफी, हीरोपंती, पिक्चर, फिल्म, ग्लास, गैस, ब्रश, बॉस, हेलो, पंक्चर, नंबर, लाइट…इन शब्दों की गिनती का अंत नहीं है क्योंकि हम अब हिंदी नहीं हिंग्लिश बन चुके हैं.