Akshay Shinde Encounter:अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने अपने बेटे की कथित हत्या की जांच की मांग की है. उसके परिवार क …अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
अक्षय शिंदे की मौत की असली वजह पता लगाने के लिए एसआईटी गठित कर दी हैबदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे को लेकर पुलिस टीम ट्रांजिट रिमांड में लेकर घटनास्थल पर जा रही थीक्षय शिंदे की मौत के बाद हथकड़ी से लेकर रिवॉल्वर लॉक जैसे कई सवाल उठ रहे हैं
मुंबई. महाराष्ट्र चुनाव से पहले अक्षय शिंदे की मौत की मौत राजनीतिक रंग लेती जा रही है. एक ओर जहां बदलापुर के लोग अक्षय शिंदे की मौत पर पटाखे जलाकर खुशी मनाई. वहीं महाराष्ट्र में विपक्ष अक्षय शिंदे की मौत को लेकर कई सवाल उठा रहा है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अक्षय शिंदे की मौत की असली वजह पता लगाने के लिए एसआईटी गठित कर दी है जो अपनी रिपोर्ट में इस हत्याकांड की सच्चाई बताएगी. सोमवार को बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे को लेकर पुलिस टीम ट्रांजिट रिमांड में लेकर घटनास्थल पर जा रही थी. आरोपी शिंदे ने पुलिस की बंदूक छिनकर पुलिस पर गोली चलाने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी को गोली लग गई. इस बीच एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी. आरोपी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया था. अक्षय शिंदे की मौत के बाद हथकड़ी से लेकर रिवॉल्वर लॉक जैसे कई सवाल उठ रहे हैं, और जिस वैन में शिंदे की मौत हुई उसमें असल में कितनी जगह होती है….
असल में सोमवार को हुआ यूं कि पुलिस बदलापुर केस के आरोपी अक्षय शिंदे को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए पुलिस वैन में बैठाकर बदलापुर ही लेकर जा रही थी. रास्ते में आरोपी अक्षय शिंदे ने पुलिसकर्मी से पिस्तौल छिनकर भागने की कोशिश की. इसमें अक्षय शिंदे ने तीन फायरिंग भी की जिसमें एक गोली वैन में बैठे पुलिसकर्मी नीलेश मोरे को भी लगी. नीलेश मोरे अभी अस्पताल में भर्ती है और खतरे से बाहर है. वहीं वैन में दो अन्य पुलिसकर्मी भी अक्षय शिंदे के साथ पीछे वैन में मौजूद थे लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ. पर जब अक्षय शिंदे ने फायरिंग की तो वैन में आगे बैठे पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने बाकी पुलिसकर्मियों की जान बचाने के लिए तीन राउंड गोली चलाई. जिसमें एक गोली अक्षय शिंदे के मुंह पर लगे और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. अब इस पूरे एनकाउंटर को लेकर क्या सवाल उठ रहे हैं और क्यों पुलिस की थ्योरी फेल हो रही है.
अक्षय शिंदे की मौत के बाद सबसे बड़ा सवाल
पुलिस की पूरी कहानी तो आपने जान ली अब अक्षय शिंदे की मौत को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उसे भी एक बार देख लेते हैं. सबसे पहला सवाल पुलिसवालों के पास जो भी राइफल या बंदूक होती है वह लॉक होती है. उस लॉक को खोलना इतना आसान नहीं होता और थोड़ा वक्त जरूर लगता है. जब वैन में पीछे अक्षय शिंदे के अलावा तीन पुलिसकर्मी मौजूद थे तो उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया. फायरिंग से पहले अक्षय शिंदे को पकड़ा क्यों नहीं किया गया? वरिष्ठ वकील असीम सरोदे ने भी पुलिस की कार्रवाई पर संदेह जताया है. सरोदे ने यह भी सवाल उठाया है कि पुलिस की बंदूक आमतौर पर लॉक रहती है, तो क्या आरोपी अक्षय शिंदे ने बंदूक का लॉक तोड़कर पुलिस पर गोली चलाई कैसे?
अक्षय की मौत के बाद दूसरा सबसे बड़ा सवाल
वहीं अक्षय की मौत के बाद दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अक्षय शिंदे के हाथों में तो हथकड़ी होगी. अगर ऐसा था तो अक्षय शिंदे ने कैसे हथकड़ी वाले हाथों से पुलिसवाले से उसकी पिस्तौल छिनी. चलो एक बार को मान भी लिया जाए कि यह सब कुछ सच में हुआ था तो हथकड़ी वाले हाथों से कैसे बंदूक का लॉक खोला और फिर फायरिंग की. इस बीच वैन में मौजूद अन्य पुलिसवाले क्या कर रहे थे? यह सवाल एनसीपी शरद पवार गुट के नेता पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी उठाया है. उन्होंने कहा है कि पुलिस के आत्मरक्षा के इस दिखावे पर विश्वास नहीं किया जा सकता. हथकड़ी वाला आरोपी पुलिस की पिस्तौल कैसे छीन सकता है?
आखिर क्या है बदलापुर कांड?
14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने मां–पिता से प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की थी. बच्ची से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके स्कूल में काम करने वाले 23 वर्षीय एक सफाईकर्मी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छूआ था. इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की क्लास में में पढ़ने वाली दूसरी बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है.
इसके बाद दोनों बच्चियों को मेडिकल जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है. दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और आश्वस्त किया कि घटना की जांच की जा रही है. आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर अगली सुबह पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखा. आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस घटना को लेकर राज्य में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली. इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया.