IMD Weather Today: देश के विभिन्न राज्यों में मौसम का मिजाज फिलहाल बदला हुआ है. पूर्वी राज्य बिहार, बंगाल, झारखंड के साथ ही नॉर्थईस्ट के प्रदेशों में पिछले कुछ दिनों से मौसम के तेवर बदले हुए हैं. वहीं, अब द…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- दिल्ली में तापमान फिर से बढ़ने लगा, दो-तीन दिनों में असर दिखने की संभावना
- बिहार में मौसम का तेवर बदला हुआ है, बारिश और हवा से गर्मी से राहत मिली है
- IMD गुजरात, राजस्थान समेत कुछ अन्य राज्यों में हीटवेव चलने की बात कही है
नई दिल्ली. मौसम के परिवर्तन का रुख लगातार बना हुआ है. देश के पूर्वी हिस्से से लेकर उत्तर, पश्चिम और दक्षिणी भागों में कभी लू के थपेड़े चल रहे तो कभी बारिश हो रही है. बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और पूर्वोत्तर भारत के प्रदेशों में बारिश होने से गर्मी से राहत मिली है. ओडिशा और बिहार के कुछ हिस्सों में कुछ दिनों पहले पारा 40 के पार हो गया था. पिछले दिनों मौसम में परिवर्तन हुआ. पहले तेज आंधी आई और उसके बाद बारिश हुई. बिहार, बंगाल, झारखंड समेत अन्य राज्यों में सोमवार को भी बारिश हुई. मौसम विभाग की मानें तो अब आने वाले दिनों में इन राज्यों के मौसम में फिर से बदलाव आने की संभावना है और लोगों को फिर से भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, गुजरात और राजस्थान में हीटवेव चलने की संभावना जताई गई है. देश के पवर्तीय राज्यों में 16 अप्रैल से एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस या पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की प्रबल संभावना है. साथ ही बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं.
बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में पिछले कुछ दिनों से मौसम के तेवर बदले हुए हैं. पहले तेज आंधी आई और उसके बाद बारिश का सिलसिला शुरू हो गया. बिहार में कहीं मध्यम तो कहीं रिमझिम बारिश का दौर बना हुआ है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से आम और लीची की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा खेतों में खड़ी गेहूं और मक्के की फसल पर भी मौसम की मार पड़ी है. आमलोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत तो मिली लेकिन किसानों को मौसम में इस बदलाव की कीमत चुकानी पड़ी है. मौसम विज्ञानियों ने अब मौसम में सुधार होने की संभावना जताई है. इसके साथ ही पारा भी बढ़ेगा. वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी बारिश हुई है. झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में भी मौसम में आए बदलाव का असर स्पष्ट तौर पर दिखा है.
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना
स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) 16 अप्रैल से सक्रिय होने जा रहा है. इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अधिकतर हिस्सों में बारिश, गरज-चमक और बर्फबारी की संभावना है. हिमाचल प्रदेश के मौसम पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. वहीं, उत्तराखंड में छिटपुट गतिविधि देखने को मिलेगी. जम्मू क्षेत्र सहित निचले पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि (Hailstorm) भी हो सकती है. 16 और 17 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे जम्मू-कश्मीर में छिटपुट बारिश की संभावना है. 18 से 20 अप्रैल के बीच गति और तीव्रता दोनों में तेज बढ़ोतरी होने की संभावना है. 19 अप्रैल को मौसम गतिविधि तेज रहेगी और फिर 21 अप्रैल से धीरे-धीरे शांत हो जाएगी.
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चक्रवाती मौसम का असर
पश्चिमी विक्षोभ के साथ मैदानों में एक इंड्यूस्ड साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के भी सक्रिय होने की संभावना है, लेकिन इसका प्रभाव ज्यादा व्यापक नहीं होगा. केवल तराई वाले क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है, वो भी एक दो दिन के लिए. हालांकि, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती हिस्सों में इसका प्रभाव ज्यादा हो सकता है. उत्तराखंड में भी मामूली असर रहने की बात कही गई है; जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 18 से 20 अप्रैल तक मौसम के बेहद खराब रहने का पूर्वानुमान है. इस दौरान लैंडस्लाइड, ओलावृष्टि और पत्थरों के गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं. वीकेंड को देखते हुए पर्यटकों और ट्रेकिंग करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, ताकि किसी तरह की अनहोन न हो. स्काईमेट वेदर की ओर से इसको लेकर सलाह जारी की गई है और लोगों से अपील की गई है कि बेहतर यही होगा कि वे घरों में ही रहें. उधर, बंगाल की खाड़ी में भी साइक्लोन के अनुकूल परिस्थिति बनने की बात कही गई है.