IPS Alok Raj Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए ही IAS, IPS, IFS Officer बनते हैं. इसके बाद जिन उम्मीदवारों का …अधिक पढ़ें
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UPSC IPS Story: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के बाद IAS, IPS, IFS सहित केंद्र सरकार में ग्रुप A ऑफिसर बनते हैं. UPSC CSE की परीक्षा में उम्मीदवारों की रैंक के अनुसार इन पदों पर चयन किया जाता है. इसके बाद जो कोई भी उम्मीदवार IPS ऑफिसर के लिए चुने जाते हैं, उनकी पहली पोस्टिंग होने के बाद उनके काम और अनुभव के आधार पर प्रमोट किया जाता है. बाद में वह किसी राज्य के DGP के पद तक पहुंचते हैं. ऐसे ही एक IPS ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बिहार के DGP बनाए गएं हैं. इनका नाम आलोक राज (Alok Raj) है. यह 1989 बैच के IPS ऑफिसर हैं.
M.Sc में गोल्ड मेडलिस्ट
IPS आलोक राज (Alok Raj) बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं. इनके पिता का नाम परमेश्वर प्रसाद और माता का नाम स्व० प्रो० कृष्णा वाला है. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से भूगर्भषास्त्र में M.Sc की डिग्री हासिल की हैं. इसके साथ ही वह M.Sc में गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं. वर्ष 1989 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयन हुआ था. उनकी पहली पोस्टिंग असिस्टेंट सुपरिटेंडेट ऑफ पुलिस के तौर पर पटना सिटी में हुआ था. इसके बाद वह सुपरिटेंडेट ऑफ पुलिस (SP) के रूप में रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभुम, देवधर, हजारीबाग, सीतामढ़ी एवं बेगूसराय जिलें की कमान संभाली.
CRPF में भी दे चुके हैं अपनी सेवाएं
वर्ष 2004 से 2011 तक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में कार्यरत रहें. इन सात 07 (सात) वर्षों में 04 (चार) बार महानिदेशक, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के प्रशंसा डिस्क से सम्मानित हुए हैं. बिहार वापस लौटने के बाद आलोक ने पुलिस के कई महत्वपूर्ण पदो पर कार्य किया. इसमें पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक, विशेष शाखा, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध अनुसंधान विभाग, महानिदेशक, प्रशिक्षण, महानिदेशक, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस, अध्यक्ष-सह-प्रबंधक निदेशक, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम, महानिदेशक, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो शामिल है.
तीन बार राष्ट्रपति से हो चुके हैं सम्मानित
आलोक राज (Alok Raj) को उत्कृष्ट पुलिस कैरियर के लिए 03 (तीन) बार महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा पदक से अलंकृत किया गया है. वर्ष 1994 में पुलिस वीरता पदक, वर्ष 2008 में सराहनीय सेवा पदक तथा वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा पदक मिला है. वर्ष 2019 में उत्कृष्ट पुलिस कार्यों के लिए अटल रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया है. कैरियर के प्रारंभ में ही पटना सिटी में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के रूप में कार्य करते हुए चार कुख्यात अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के लिए इन्हें पुलिस वीरता पदक से अलंकृत किया गया. सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, पश्चिमी सिंहभुम के रूप में वन माफिया के खिलाफ कार्य करने के लिए सर्वत्र प्रशंसा हुई.
पुलिस अधीक्षक, हजारीबाग के रूप में कोयला माफिया / नक्सली के विरूद्ध कारगर कार्रवाई करने के लिए काफी चर्चित रहें. केंद्रीय पुलिस बल में नक्सली विरोधी अभियान का झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल में सफल नेतृत्व किया तथा नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल) में विधि व्यवस्था संधारण एवं शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पूरे देश में प्रशंसा हुई. आलोक राज का चयन संयुक्त राष्ट्र संघ, शांति सेना के प्रशिक्षण हेतु हुआ और इन्होंने इटली में संयुक्त राष्ट्र संघ, शांति सेना का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
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