Triputi Laddu Row: तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी होने की खबर सुनकर हर कोई सन्न हैं. इस बीच आंध्र …अधिक पढ़ें
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आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलने में लड्डुओं में मिलावट का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. देशभर के श्रद्धलुओं इन लड्डुओं में घी की जगह जानवरों की चर्बी की खबर सुनकर सन्न हैं. इस पूरे मामले की जांच के लिए आंध्र के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने विशेष जांच दल बनाने की घोषणा की है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने इस पूरी गड़बड़ी के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया है.
नायडू का जगन पर बड़ा आरोप
सीएम नायडू ने जगनमोहन पर आरोप लगाया कि पिछली सरकार में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने मंदिर में लड्डू प्रसादम बनाने में इस्तेमाल होने वाली घी खरीदने की पूरी प्रक्रिया को बदल दिया गया था. इसके साथ ही उन्होंने टीटीडी में गैर-हिंदुओं को ‘तरजीह देने’ के लिए भी पिछली जगनमोहन सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि पहले की शर्तों के अनुसार, घी सप्लायर के पास कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए. हालांकि, जगनमोहन रेड्डी के सत्ता में आने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया.
जगनमोहन ने पीएम मोदी से की शिकायत
वहीं इस पूरे मामले में सवालों से घिरे जगनमोहन रेड्डी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दखल देने का आग्रह किया है. जगन ने इसके साथ ही सीएम चंद्रबाबू नायडू पर ‘आदतन झूठ बोलने’ का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में जगन ने आरोप लगाया कि नायडू राजनीतिक मकसद के लिए इतने निचले स्तर पर उतर गए हैं कि करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने में भी उन्हें कोई हिचक नहीं.
जगन ने 8 पन्नों के पन्ने की अपनी चिट्ठी में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के संरक्षक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में घी खरीदने की पूरी प्रक्रिया का डिटेल दिया है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम नायडू की इन हरकतों ने न सिर्फ मुख्यमंत्री पद के मान-सम्मान को गिराया है, बल्कि आम लोगों को भी आहत किया है. साथ ही, टीटीडी और उसकी परंपराओं की पवित्रता को भी ठेस पहुंचाई है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ दिन पहले टीडीपी चीफ और आंध्रे के सीएम नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायक दल की बैठक के दौरान दावा किया था कि पिछली जगनमोहन सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया चीज़ों और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया.
नायडू के इस दावे से राज्य की सियासत में भूचाल से आ गया और देशभर के हिन्दू श्रद्धालुओं को खासी चिंता में डाल दिया. वहीं इस दावे के बाद टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव भी मीडिया के सामने आए और बताया कि लैब टेस्ट में लड्डुओं के कुछ नमूनों में पशु चर्बी और सूअर की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है और बोर्ड ‘मिलावटी’ घी की सप्लाई करने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डालने जा रही है.