IAS Story: यूपी में एक आईएएस अधिकारी गंगा में डूब गए. अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. आईएएस का परिवार काफी पढ़ा लिखा …अधिक पढ़ें
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IAS Story: उत्तर प्रदेश में एक सीनियर आईएएस (IAS) गंगा में डूब गए. एनडीआरएफ (NDRF) से लेकर जल पुलिस की टीम तक उनकी तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई अता पता नहीं चला. बताया जा रहा है कि वह उन्नाव के बिल्हौर में गंगा स्नान करने गए थे. इसी दौरान वह डूब गए. दोस्तों ने जब गोताखोरों से उन्हें बचाने को कहा तो उन्होंने पहले 10 हजार रुपये देने की मांग की. बाद में ऑनलाइन पैसे देने पर गोताखोर पानी में उतरे, लेकिन उनका पता नहीं लगा सके. आइए जानते हैं यूपी के ये आईएएस अधिकारी कौन हैं और उनके परिवार में कौन-कौन है?
कौन हैं गंगा में डूबने वाले आईएएस
उन्नाव में गंगा नदी में डूबने वाले आईएएस का नाम आदित्यवर्धन सिंह है. वह स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि वह मूल रूप से उन्नाव के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र में कबीरपुर गांव के रहने वाले थे. उनका पूरा परिवार इंदिरानगर लखनऊ में रहता है. उनके पिताजी रमेशचंद्र भी सिंचाई विभाग में अधिकारी थे. उन्होंने ही लखनऊ में मकान बनवाया था. वर्तमान में आदित्यवर्धन सिंह की तैनाती वाराणसी में थी. वह अपने दोस्तों के साथ लखनऊ से उन्नाव गए थे. इसी दौरान यह हादसा हुआ.
जज हैं पत्नी, बहन आस्ट्रेलिया में
आदित्यवर्धन सिंह की पत्नी का नाम शैलजा मिश्रा है. वह महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं. वहीं उनके चचेरे भाई भी आईएएस हैं, जो बिहार में सीएम हाउस में कार्यरत हैं. आदित्यवर्धन सिंह की एक बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं. उनके माता पिता भी आस्ट्रेलिया में ही रहते हैं. घटना की सूचना के बाद उनकी पत्नी घटनास्थल पर पहुंच गईं, तो वहीं आस्ट्रेलिया से उनके माता पिता भी कानपुर पहुंच गए हैं.
कैसे हुआ हादसा
घटना 31 अगस्त की बताई जा रही है. डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह अपने दोस्तों के साथ गंगा नहाने आए थे. दोस्तों के अनुसार नहाते समय आदित्यवर्धन ने उनसे फोटो खींचने के लिए कहा था. इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह डूबने लगे. जिस पर दोस्तों ने स्थानीय गोताखोरों से बचाने की अपील की, लेकिन गोताखोरों ने पहले 10 हजार रुपये कैश की मांग कर दी. आदित्यवर्धन सिंह के दोस्तों का कहना है कि एक दुकानदार के खाते में ऑनलाइन ट्राजंक्शन करने पर गोताखोर बचाने के लिए उतरे, लेकिन उनका पता नहीं चला. दो दिन बाद में एनडीआरएफ जल पुलिस आदि की टीमें सर्च कर रही हैं, लेकिन अभी तक आदित्यवर्धन का कोई सुराग नहीं मिल रहा है.