6 हजार मकान खरीदारों को 2 हफ्ते में मिलेगी खुशखबरी! जल्‍द पूरे होंगे नोएडा में रुके प्रोजेक्‍ट, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

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Unitech Housing Project : हजारों मकान खरीदारों का पैसा हड़पने वाली कंपनी यूनिटेक के प्रोजेक्‍ट में पैसे लगाने वाले करीब …अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. देश के 6 हजार मकान खरीदारों को जल्‍द खुशखबरी मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के हाउसिंग प्रोजेक्‍ट को पूरा करने के लिए राज्‍यों को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यूपी, पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक सहित सभी राज्‍य यूनिटेक के प्रोजेक्‍ट को पूरा करने के लिए सहमति पर दो हफ्ते में जवाब दें. अब इस कंपनी का कामकाज केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त निदेशक मंडल कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को भी आदेश दिया कि वे सेक्टर 96, 97, 98, 113 और 117 में रुके हुए प्रोजेक्ट्स के निर्माण को शुरू करने के लिए मंजूरी और स्वीकृति दें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अब तक विकसित नहीं हुई जमीन को वापस लेने की मांग की थी.

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पहले मकान घरीदारों को का हक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और उज्जल भुयान की बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि पहले उन प्रोजेक्ट्स का निर्माण पूरा किया जाए जिनमें लगभग 6,000 होमबायर्स ने अपने मेहनत की कमाई का निवेश किया था और अब भी अपने फ्लैट्स का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, बेंच ने अथॉरिटी को आश्वासन दिया कि कोर्ट कंपनी द्वारा चुकाए जाने वाले बकाया राशि के दावे की जांच करेगी. कोर्ट ने कहा कि उन होमबायर्स के हितों की रक्षा की जानी चाहिए, जिन्हें कंपनी के पूर्व निदेशकों द्वारा उनके निवेश को हड़पने के बाद अधर में छोड़ दिया गया था. लिहाजा निर्माण जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए.

3 हिस्‍से में बंटी है यूनिटेक की जमीन
यूनिटेक को लीज पर दी गई जमीन तीन हिस्सों में बंटी थी. पहली नोएडा के सेक्टर 96, 97 और 98 में 347 एकड़ जमीन थी. दूसरी सेक्टर 113 में 53.53 एकड़ और तीसरी सेक्टर 117 में 71 एकड़. कंपनी के अनुसार, मौजूदा होमबायर्स से बकाया राशि लगभग 3,200 करोड़ रुपये है और अविकसित इन्वेंट्री के संबंध में लगभग 8,000 करोड़ रुपये है.

15 साल पहले लगाया था पैसा
यूनिटेक के प्रोजेक्‍ट में कुछ मकान खरीदारों ने तो 15 साल पहले निवेश किया था और आज भी डिलीवरी का इंतजार कर रहे है. इन प्रोजेक्‍ट के रुकने का कारण यह था कि कंपनी के प्रमोटरों ने कथित तौर पर फंड्स को डायवर्ट कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के प्रबंधन को चलाने के लिए एक बोर्ड नियुक्त किया था, सरकारी एजेंसियों द्वारा भी प्रोजेक्ट्स को रोके जाने के कारण काम धीमी गति से चल रहा था.

कितना पैसा हुआ था जमा
कंपनी की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 29,800 होमबायर्स द्वारा लगभग 14,270 करोड़ रुपये जमा किए गए थे और यूनिटेक ने 74 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए छह वित्तीय संस्थानों से 1,806 करोड़ रुपये उधार लिए थे. यूनिटेक ग्रुप और उसकी सहायक कंपनियों के अकाउंट बुक्स की जांच के बाद, ऑडिटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि होमबायर्स से प्राप्त 5,063 करोड़ रुपये या 40% राशि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए उपयोग नहीं की गई थी, जबकि 2,389 करोड़ रुपये के आउटफ्लो का पता ही नहीं चला. इतना ही नहीं वित्तीय संस्थानों से जुटाई गई राशि का भी लगभग 40%, यानी 763 करोड़ रुपये निर्माण में नहीं लगाए थे.

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